प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चक्रवाती तूफान ‘फोनी’ से उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए संबंधित राज्य और केन्द्रीय मंत्रालयों/एजेंसियों की तैयारियों की समीक्षा के लिए आज यहां उच्चस्तरीय बैठक की।
भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने यह जानकारी दी कि 3 मई के पूर्वाह्न में पुरी के दक्षिण में स्थित ओडिशा के तट से चक्रवाती तूफान ‘फोनी’ के टकराने का अंदेशा है। इस दौरान 180 किलोमीटर प्रति घंटे तक की प्रचंड रफ्तार से तेज हवाएं चलने की आशंका है। यही नहीं, इस वजह से गंजाम, गजपति, खुर्दा, पुरी एवं जगतसिंहपुर, केन्द्रपाड़ा, भद्रक, जाजपुर एवं बालासोर सहित ओडिशा के कई तटीय जिलों में भारी बारिश होने का अंदेशा है। इसी तरह पश्चिम बंगाल के पूर्वी एवं पश्चिमी मेदिनीपुर, दक्षिणी एव उत्तरी 24 परगना, हावड़ा, हुगली, झारग्राम एवं कोलकाता जिलों के साथ-साथ आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम, विजयनगरम और विशाखापत्तनम जिलों के भी इस तूफान से प्रभावित होने की आशंका है। भारतीय मौसम विभाग ने आगाह करते हुए कहा है कि लगभग 1.5 मीटर ऊंची तूफानी लहर उत्पन्न होने की प्रबल आशंका है, जिससे तटीय क्षेत्र से टकराने के समय ओडिशा के गंजाम, खुर्दा, पुरी और जगतसिंहपुर जिलों के निचले तटीय क्षेत्रों में बाढ़ आ सकती है। आईएमडी सभी संबंधित राज्यों को गत 24 अप्रैल से ही हर तीन घंटे पर बुलेटिन जारी करता रहा है, जबकि आज से वह हर घंटे बुलेटिन जारी कर रहा है, जिसमें नवीनतम पूर्वानुमान की जानकारी दी जाती है।
कैबिनेट सचिव इस संबंध में राज्य एवं केन्द्रीय एजेंसियों की तैयारियों की समीक्षा के लिए 29 अप्रैल, 2019 से ही राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) की बैठक प्रतिदिन कर रहे हैं। इन बैठकों में ओडिशा, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु एवं पुडुचेरी के मुख्य सचिव/प्रधान सचिव के साथ-साथ संबंधित केन्द्रीय मंत्रालयों के सचिव भी भाग ले रहे हैं। राज्य सरकारों ने इस चक्रवाती तूफान से निपटने के लिए किए गए सभी उपायों से एनसीएमसी को अवगत करा दिया है। ओडिशा लगभग 7.5 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने की तैयारी में है और इसके साथ ही ओडिशा ने सुरक्षित स्थानों पर ले जा रहे लोगों के रहने के लिए लगभग 900 तूफान आश्रय स्थलों को पूरी तरह से तैयार रखा है। कैबिनेट सचिव के निर्देश के अनुसार सभी केन्द्रीय मंत्रालयों/एजेंसियों ने चक्रवाती तूफान फोनी से उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए सभी आवश्यक उपाय किए हैं।
गृह मंत्रालय संबंधित राज्य सरकारों और केन्द्र सरकार की एजेंसियों से निरंतर संपर्क में है। गृह मंत्रालय ने उन चार राज्यों को अग्रिम तौर पर 1086 करोड़ रुपये पहले ही जारी कर दिए हैं, जिनके इस चक्रवाती तूफान से प्रभावित होने का अंदेशा है। राष्ट्रीय आपदा राहत बल (एनडीआरएफ) ने पांच राज्यों में नावों, पेड़ काटने वाली मशीनों, दूरसंचार उपकरणों इत्यादि से लैस 54 टीमों को पहले से ही पूरी तरह तैयार रखा है। एनडीआरएफ ने इसके साथ ही 31 टीमों की अतिरिक्त या आपातकालीन व्यवस्था भी कर रखी है।
भारतीय तटरक्षक और नौसेना ने राहत एवं बचाव कार्यों के लिए जहाजों और हेलिकॉप्टरों को भी पहले से ही तैनात कर दिया है। तीन राज्यों में सेना एवं वायुसेना यूनिटों की भी अतिरिक्त व्यवस्था की गई है। विशाखापत्तनम में मानवीय सहायता से लैस आठ जहाजों और आपदा राहत यूनिटों की आपातकालीन व्यवस्था की गई है। निगरानी विमान और हेलिकॉप्टर पूर्वी तट की निरंतर निगरानी कर रहे हैं। चेन्नई, विशाखापत्तनम, चिल्का और कोलकाता में आपदा राहत टीमों (डीआरटी) और चिकित्सा टीमों (एमटी) की अतिरिक्त या आपातकालीन व्यवस्था की गई है।
विद्युत मंत्रालय ने आपातकालीन त्वरित कदम वाली प्रणालियों को सक्रिय कर दिया है और इसके साथ ही मंत्रालय ने ट्रांसफॉर्मरों, डीजी सेटों एवं उपकरणों इत्यादि को भी पूरी तरह से तैयार रखा है, ताकि बिजली आपूर्ति तत्काल बहाल की जा सके। दूरसंचार मंत्रालय सभी टेलीकॉम टावरों एवं एक्सचेंजों पर निरंतर करीबी नजर रख रहा है और इसके साथ ही यह मंत्रालय दूरसंचार नेटवर्क को बहाल करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। रेल मंत्रालय ने ऐहतियाती कदम उठाते हुए ओडिशा के प्रभावित क्षेत्रों में 99 रेलगाड़ियों का परिचालन रद्द कर दिया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने समुचित कदम उठाने वाली 17 सार्वजनिक स्वास्थ्य टीमों के साथ-साथ आपातकालीन दवाओं से लैस त्वरित कदम उठाने वाली 5 चिकित्सा टीमों को भी पूरी तरह से तैयार रखा है। खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय ने तैयार खाद्य पदार्थों के पैकेटों का इंतजाम पहले ही कर लिया है। इसी तरह पेयजल मंत्रालय ने बोतलबंद पेयजल की समुचित व्यवस्था कर ली है। शिपिंग मंत्रालय ने पारादीप बंदरगाह पर सभी जहाजों का परिचालन रोक दिया है। इसके साथ ही शिपिंग मंत्रालय ने आपातकालीन जहाजों (झटके से खींचने की सुविधा वाली नौका) की तैनाती सुनिश्चित कर दी है।
एनडीआरएफ असुरक्षित स्थानों से लोगों की निकासी करने में राज्य की एजेंसियों की सहायता कर रहा है। एनडीआरएफ इसके साथ ही चक्रवाती तूफान से निपटने के तरीके बताते हुए निरंतर सामुदायिक जागरूकता अभियान भी चला रहा है।
प्रधानमंत्री ने चक्रवाती तूफान से उत्पन्न स्थिति से निपटने की तैयारियों की समीक्षा करने के बाद वरिष्ठ अधिकारियों को हरसंभव कदम उठाने का निर्देश दिया, ताकि राज्य सरकारों द्वारा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाना सुनिश्चित किया जा सके। प्रधानमंत्री ने इसके साथ ही वरिष्ठ अधिकारियों को बिजली, दूरसंचार, पेयजल एवं स्वास्थ्य जैसी सभी आवश्यक सुविधाओं का समुचित रखरखाव सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया, ताकि इन्हें कोई भी नुकसान पहुंचने की स्थिति में इन सेवाओं की बहाली तत्काल हो सके। प्रधानमंत्री ने नियंत्रण कक्षों का चौबीसों घंटे परिचालन सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया।
इस बैठक में कैबिनेट सचिव, गृह सचिव, एनडीआरएफ एवं भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के महानिदेशकों और प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ), गृह मंत्रालय एवं आईएमडी के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया।