जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर देश में शुरू हो गई है बहस

भारत में लगातार और तेजी से बढ़ रही जनसंख्या निश्चित तौर पर समस्या का सबब बनती जा रही है । देश में पहले भी कई संस्थान , कई राजनेता जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए कानून बनाने की वकालत कर चुके हैं लेकिन अफसोस देश में हमेशा इस तरह की मांग को धार्मिक नजरिए से देख कर खारिज कर दिया जाता है।

 

बाबा रामदेव ने जनसंख्या नियंत्रण को लेकर दिया नया सुझाव

बाबा रामदेव ने जनसंख्या नियंत्रण को लेकर नया सुझाव दिया है। उन्होने तीसरी संतान को मतदान के अधिकार और सरकारी नौकरियों से वंचित करने का कानून बनाने का सुझाव दिया है। बाबा रामदेव ने हरिद्वार में कहा कि देश की आबादी को 150 करोड़ से अधिक नहीं होने दिया जाना चाहिए। उन्होंने सलाह देते हुए कहा था कि यह तभी संभव है जब हम तीसरी संतान या इसके बाद वाली संतानों को मताधिकार से वंचित करने वाला कानून लागू करेंगे। ऐसे बच्चों को चुनाव लड़ने और अन्य सरकारी नौकरियों के अधिकार से भी वंचित किया जाना चाहिए। देखते-देखते बाबा रामदेव के इस सुझाव को लेकर देशभर में बवाल मचना शुरू हो गया । कुछ बाबा रामदेव के पक्ष में खड़े दिखे तो कुछ विपक्ष में।

ओवैसी ने बाबा रामदेव पर बोला हमला

बाबा रामदेव के इस बयान पर नाराजगी जताते हुए एआईएमआईएम प्रमुख असीदुद्दीन ओवैसी ने उन पर तीखा हमला बोला। ओवैसी ने कहा कि लोगों को असंवैधानिक बातें कहने से रोकने के लिए कोई स्पष्ट कानून नहीं है लेकिन रामदेव के विचारों पर बेवजह ध्यान क्यों दिया जाता है वह योग कर सकते हैं इसका मतलब यह नहीं है कि नरेंद्र मोदी सिर्फ इसलिए अपना मताधिकार खो देंगे क्योंकि वह तीसरी संतान हैं ।

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रामदेव के पक्ष में बोले गिरिराज सिंह

ओवैसी के हमले के बीच गिरिराज सिंह ने रामदेव की मांग का पुरजोर समर्थन किया। गिरिराज सिंह ने कहा है कि बाबा रामदेव के बयान को सकारात्मक तरीके से देखे जाने की जरूरत है। सिंह ने यह भी कहा कि देश के विकास के लिए यह जरूरी है कि जनसंख्या पर लगाम लगाई जाए और अब वक्त आ गया है कि जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाया जाए।