ट्रेनों में खाना न लेने का विकल्प शुरू, नहीं देना होगा कैटरिंग शुल्क

रेलवे ने बुधवार से ट्रेनों में वैकल्पिक कैटरिंग व्यवस्था लागू कर दी है। इसकी शुरुआत 7 राजधानी, 6 शताब्दी और 5 दूरंतो ट्रेनों से की गई है। इनके यात्रियों को बुकिंग के वक्त बताना होगा कि उन्हें खाना चाहिए या नहीं। यदि वे नहीं का विकल्प अपनाएंगे तो उनके किराए में कैटरिंग का शुल्क नहीं जोड़ा जाएगा।

रेलवे ने खानपान सेवाओं में सुधार के लिए तीन हफ्ते का निरीक्षण अभियान छेड़ा है। इसके तहत 88 ट्रेनों तथा 100 फास्ट फूड ज्वाइंट्स में खानपान सेवाओं का थर्ड पार्टी ऑडिट कराया जाएगा। फूड सर्ट तथा बैक्सिल नामक निजी कंपनियों को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है।

रेलवे बोर्ड के सदस्य (यातायात) मोहम्मद जमशेद ने बताया कि खाने को लेकर कैग की रिपोर्ट तथा यात्रियों की शिकायतों के मद्देनजर दोषी ठेकेदार के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई को सख्त कर दिया गया है। जहां पिछले तीन सालों में हर साल औसतन तीन ठेके रद किए गए थे। वहीं चालू वर्ष में जनवरी से जून तक छह महीनों में ही 12 ठेके रद किए जा चुके हैं। इन ठेकों की अवधि 2019 तक थी ।

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