दो दिवसीय “रस बनारस संस्कृति महोत्सव” वाराणसी में सफलतापूर्वक संपन्न

वाराणसी

संस्कृति मंत्रालय द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के मन मंदिर और अस्सी घाट पर आयोजित “रस बनारस – स्वच्छाग्रह – बापू को कार्यान्जलि”  का दो दिन का महोत्सव सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। महोत्सव में लोक गीत और नृत्य, स्थानीय व्यंजन और हस्तशिल्प तथा वस्त्र के क्रय-विक्रय का आयोजन किया गया। वाराणसी के लोगों को स्वच्छता का संदेश देने के साथ ही युवाओं को देश के समृद्ध विरासत के विभिन्न पहलुओं से परिचय कराया गया। मंत्रालय से सम्बद्ध स्कूलों के बच्चों ने स्वच्छता जागरूकता के तहत प्रदर्शनी, गीत, लोक नृत्य, नुक्कड़ नाटक और कठपुतली नृत्य का प्रदर्शन किया।

महोत्सव के दूसरे और अंतिम दिन केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा पर्यावरण, वन व जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री डॉ. महेश शर्मा ने कार्यक्रम में भाग लेते हुए कहा, “हमारे प्रधानमंत्री ने गांधीजी के स्वप्न स्वच्छ भारत को पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। हमें अपने में भारत के स्वतंत्रता संग्राम के स्तर का बदलाव लाना होगा और स्वच्छता की संस्कृति के निर्माण के लिए कार्य करना होगा।” स्वच्छता के प्रति संस्कृति मंत्रालय के प्रयासों का जिक्र करते हुए मंत्री महोदय ने कहा, “पिछले तीन वर्षों में स्वच्छता के प्रति वाराणसी में बहुत बदलाव आया है। लोग स्वच्छता के प्रति जागरूक हुए हैं। लोगों में स्वच्छता का संदेश देने के लिए संस्कृति महोत्सव एक अच्छा माध्यम है।” उन्होंने उपस्थित जनसमुदाय से आग्रह किया कि गंगा संरक्षण के लिए उन्हें वाराणसी को प्लास्टिक मुक्त बनाना चाहिए।

महोत्सव के दूसरे दिन शास्त्रीय संगीत, लोक संगीत, नृत्य और विजुअल आर्ट का आयोजन किया गया। मालिनी अवस्थी ने ठुमरी प्रस्तुत किया जबकि शास्त्रीय गायिका श्रुति साडोलिकर ने अपने शास्त्रीय गायन से श्रोताओं का मन मोह लिया। विशाल कृष्ण और उनके समूहों ने मनमंदिर घाट पर कत्थक नृत्य प्रस्तुत किया।

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इस दो दिवसीय महोत्सव में वाराणसी के लोगों ने जमकर खरीदारी की। एनसीजेडसीसी ने अस्सी घाट पर हस्तशिल्प बाजार का आयोजन किया था। इसमें बहुरंगी और पारंपरिक हस्तशिल्प के सामान थे तथा बनारस एवं देश के अन्य भागों के कपड़े बिक्री के लिए उपलब्ध थे। इस बाजार में लोक गायकों तथा लोक नृत्यकों ने अपने कार्यक्रम प्रस्तुत किए। कार्यक्रम में अरूणाचल प्रदेश और मेघालय को विशेष महत्व दिया गया था। एक भारत श्रेष्ठ भारत के अंतर्गत उत्तर प्रदेश इन दोनों राज्यों के साथ मिलकर मेट्रिक्स बनाता है। बाजार में एक फूड कॉर्नर भी लगाया गया था जहाँ लोगों ने वाराणसी तथा अरूणाचल प्रदेश व मेघालय के स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद लिया।

महोत्सव में राष्ट्रीय पुरातत्व द्वारा ‘वाराणसी’ पर एक प्रदर्शनी का आयोजन मनमंदिर घाट पर किया गया। नेशनल गैलरी ऑफ मॉर्डन ऑर्ट ने बीएचयू के फाईन आर्ट्स स्कूल की सहायता से छात्रों के साथ मिलकर एक टेराकोटा-शिल्प कला कार्यशाला का आयोजन किया।