प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को नई दिल्ली में पूर्व प्रधानमंत्री ‘भारत रत्न’ अटल बिहारी वाजपेयी के सम्मान में 100 रुपये का एक स्मारक सिक्का जारी किया। संसद भवन के एनेक्सी में एक कार्यक्रम में केन्द्रीय संस्कृति मंत्री महेश शर्मा की मौजूदगी में मोदी ने यह सिक्का जारी किया।
इस मौके पर वाजपेयी के साथ काफी लंबे समय तक रहने वाले उनके सहयोगी और वरिष्ठ भाजपा नेता लाल कृष्ण आडवाणी, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, वित्त मंत्री अरुण जेटली, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और वाजपेयी के परिजन भी मौजूद थे। आपको बता दे कि पिछले वर्ष वित्त मंत्रालय ने 100 रुपये के नए सिक्के के बारे में अधिसूचना जारी की थी।
इस सिक्के का वजन 35 ग्राम और त्रिज्या 2.2 सेंटीमीटर है और यह 50 पचास फीसदी चांदी, 40 फीसदी तांबा, पांच फीसदी निकेल और पांच फीसदी जस्ते से बनाया गया है। इस सिक्के के अग्रभाग पर बीच में अशोक स्तम्भ है, जिसके नीचे सत्यमेव जयते लिखा है। वृत्त पर बायीं ओर भारत और दाहिनी ओर अंग्रेजी में इंडिया लिखा है।
सिक्के के पीछे की तरफ वाजपेयी का चित्र है। ऊपर के वृत्त पर वायीं ओर देवनागरी में और दाहिनी ओर अंग्रेजी में अटल बिहारी वाजपेयी लिखा है । गौरतलब है कि वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को हुआ था और इस वर्ष 16 अगस्त को उनका निधन हो गया था। मोदी सरकार वाजपेयी की जयंती 25 दिसंबर को सुशासन दिवस के रूप में मना रही है ।
इस अवसर पर बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि हमारा मन यह मानने को तैयार नहीं है कि वाजपेयी अब हमारे बीच नहीं हैं। उन्होंने कहा कि वाजपेयी एक ऐसी महान हस्ती थे, जिन्हें समाज के सभी वर्गों के लोग प्यार और आदर करते थे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले कई दशकों से वाजपेयी की आवाज, जनता की आवाज बनी रही। एक वक्ता के रूप में वे बेजोड़ थे। मोदी ने कहा कि वाजपेयी अपने देश के अब तक के सर्वश्रेष्ठ वक्ताओं में शामिल हैं।
मोदी ने कहा कि वाजपेयी लंबे अर्से तक विपक्ष में रहे, किन्तु उन्होंने हमेशा राष्ट्रीय हित की बातें ही कहीं। उन्होने कहा कि वाजपेयी लोकतन्त्र को शीर्ष स्थान पर देखते थे। उन्होंने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि वाजपेयी हम सभी को निरंतर प्रेरित करते रहेंगे।