ना जीत का सेहरा – ना हार का ठीकरा
जनता दल यूनाइटेड-JDU के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने इशारो-इशारों में यह खुलासा कर ही दिया कि इस बार उनकी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लोकसभा चुनाव में उन्हे कोई काम सौंपा ही नहीं हैं। जरा पीके के नाम से मशहूर प्रशांत किशोर के इस ट्वीट को पढ़िए –
“ बिहार में NDA माननीय मोदी जी एवं नीतीश जी के नेतृत्व में मजबूती से चुनाव लड़ रहा है। JDU की ओर से चुनाव-प्रचार एवं प्रबंधन की जिम्मेदारी पार्टी के वरीय एवं अनुभवी नेता श्री RCP सिंह जी के मजबूत कंधों पर है। मेरे राजनीति के इस शुरुआती दौर में मेरी भूमिका सीखने और सहयोग की है। “
शुक्रवार को किए गए इस ट्वीट ने साफ कर दिया कि इस बार बिहार में उनकी पार्टी के चुनाव प्रचार और प्रबंधन की जिम्मेदारी पार्टी के वरिष्ठ नेता रामचंद्र प्रसाद सिंह के कंधों पर है और उनकी भूमिका फिलहाल राजनीति के शुरुआती दौर में भूमिका सीखने और सहयोग करने की है।
ऐसे में सवाल यह खड़ा हो रहा है कि क्या पीके ने यह ट्वीट जानबूझकर सार्वजनिक करके एक तरह से स्वीकार किया है कि पार्टी सुप्रीमो नीतीश कुमार ने उन्हें इस चुनाव में कोई काम नहीं दिया है और चुनाव प्रचार से लेकर प्रबंधन तक का सारा जिम्मा आरसीपी सिंह के कंधों पर है।
क्या हाल के दिनों में पीके ने नीतीश के उत्तराधिकारी , एनडीए में वापसी जैसे मुद्दों को लेकर जिस तरह के बयान दिए है , उससे नीतीश कुमार नाराज हो गए हैं ..क्या यह पीके के जेडीयू से विदाई के संकेत है..इन तमाम सवालों के जवाब भविष्य के गर्भ में छिपे हुए है लेकिन फिलहाल इतना तो साफ हो ही गया है कि जेडीयू में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है ।