लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव लगातार चर्चा में बने रहते है । कभी मंच पर बांसुरी और शंख बजा कर तो कभी खुद को कृष्ण और छोटे भाई तेजस्वी को अर्जुन बताकर। हालांकि आजकल वो अपनी नाराजगी को लेकर ज्यादा चर्चा में है। पिता लालू जेल में है । छोटे भाई ने पिता की विरासत और पार्टी दोनों पर कब्जा कर लिया है। नाराज बड़े भाई ने सियासी रण में अपनी ही पार्टी के उम्मीदवार के खिलाफ प्रत्याशी उतारने और लालू-राबड़ी मोर्चा का गठन करने जैसे काम कर यह तो साबित कर ही दिया कि वो कब क्या कर देंगे इसका अंदाजा कोई भी नहीं लगा सकता है।
लेकिन यादव परिवार में जारी घमासान में अब नया मोड़ आ गया है। लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप ने अपने छोटे भाई की शान में कसीदे पढ़े हैं। बीते दिनों एक रैली में खुद को दूसरा लालू बताने वाले तेज प्रताप ने अपने छोटे भाई तेजस्वी यादव के लिए भावनात्मक ट्वीट करते हुए लिखा है कि मेरा वो हिम्मत है, मेरा वो सहारा है, भाई मेरा, मुझे मेरी जान से भी प्यारा है। मुझ पर आती है मुसीबत तो वो संभाल लेता है, पीछे हटने का न भाई कभी नाम लेता है, खुश रहूं सदा मैं और मेरा परिवार सारा, इसी सोच के साथ वो हर काम को अंजाम देता है।
तेज प्रताप की हालत का अंदाजा लगाना बहुत ज्यादा मुश्किल नहीं हैं। कहां अपने समर्थकों की फौज को टिकट दिलाने के दावे कर रहे थे यह सोचकर कि लालू यादव के बड़े बेटे है और अब हालत यह हो गई है कि पार्टी तो छोड़िए परिवार में भी अलग-थलग पड़ गए हैं। पत्नी को तलाक देने के फैसले से माता-पिता दोनों ही नाखुश है। परिवार की राजनीतिक विरासत के उत्तराधिकारी छोटे भाई बन चुके हैं। यह परिवार भी मान चुका है। बड़ी बहन मीसा भारती सार्वजनिक रूप से यह ऐलान कर चुकी है। बकौल तेजप्रताप उन्हे छोटे भाई के साथ रैली में मंच पर जाने से रोकने के लिए जानबूझकर एयरपोर्ट पर उनका बोर्डिंग पास नहीं बनाया जाता है।
लेकिन इस मनोस्थिति के बावजूद अगर दो भाई एक होते हैं , परिवार एकजुट होता है तो इससे अच्छी कोई खबर नहीं हो सकती ।
ग्रेट तेजप्रताप जी , बधाई तेजस्वी जी ।