फेसबुक की दुनिया से सन्तोष द्विवेदी मनुज

सन्तोष द्विवेदी मनुज , ब्रॉडकास्टर
 23 मई को जनादेश आने के बाद से बाकी सारे लोग नॉर्मल मोड पर आ गए, पर ममता बनर्जी जी शायद मानने को तैयार नही! दूसरी ओर बीजेपी भी एक मिनट तक का मौका गंवाना नही चाहती, वो बंगाल में जो मोमेंटम बना है उसे आगे ले जाना चाहती है!

बंगाल में बीजेपी सिर्फ मुख्य विपक्षी दल तक सीमित नही रहना चाहती, वो राज्य में भगवा फहराने को लालायित है, जवाब में ममता बनर्जी जी ने जो रुख अपनाया है,वो टकराव को और बढ़ाने वाला होगा! जनादेश 2019, ममता बनर्जी जी के लिए काफी झटके वाला रहा तो वही बीजेपी बंगाल में कम सीट लाकर भी अपर हैंड पर आ गई, इसलिए टक्कर बराबर की है!

तो भी, मुख्यमंत्री रहते हुए कहीं न कहीं ममता जी चूकती नजर आ रही है, और वो उनकी खिसियाहट से दीख भी पड़ रहा है! जिस तरह से उन्होंने कल का दिन धरने के लिए चुना, जबकि कल प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी जी दुबारा शपथ लेने वाले है! लोकतन्त्र में कुछ अवसरों पर आपसी मतभेद भुला देने की परंपरा सदा से रही है! कमोबेश बीजेपी और तृणमूल दोनों ही इससे इतर नजर आ रहे है!

जो भी हो, पर ममता जी भी आसानी से जमीन जाने नही देंगी तो दूसरी ओर अमित शाह भी आने वाले विधानसभा चुनाव में एड़ी-चोटी का जोर लगाकर रहेंगे! आना वाला वक़्त दर्शक के लिए मजेदार जरूर होगा, हालांकि लोकतंत्र को होने वाला नफा-नुकसान बाद में ही नजर आएगा! क्योकि लोकतंत्र में लगने वाली पैबंद तुरन्त दीख नही पाती, उसकी कसौटी तो बस वक़्त है, जो आगे आने वाले वक्त में अच्छी या बुरी परम्परा के रूप में उभर कर आता है!

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बाकी भविष्य के गर्भ में क्या है, यह तो सिर्फ वक़्त ही तय करेगा!

— संतोष द्विवेदी मनुज