राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ा भारतीय मजदूर संघ( बीएमएस) केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ सड़क पर उतरेगा। बीएमएस ने सरकार की नीतियों के ख़िलाफ़ रैली करने का भी फैसला किया है।
दरअसल , आरआरएस के मज़दूरों के बीच काम करने वाले संगठन भारतीय मजदूर संघ ने केंद्र में मोदी सरकार के खिलाफ सडक पर उतरने का फ़ैसला कर लिया है। 17 नवम्बर को बीएमएस ने देशभर से करीब 5 लाख से ज्यादा मज़दूरों को रामलीला मैदान में एकत्रित कर मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों के खिलाफ संसद भवन तक मार्च करने का फैसला किया है। बीएमएस का आरोप है कि मोदी सरकार के एफडीआई को बढावा देने, न्यूनतम वेतन निर्धारित करने और समान काम के लिए समान वेतन के साथ दूसरे १२ सूत्रीय मांगों को लेकर सरकार के ख़िलाफ़ रैली करेंगे। ।
संघ से जुड़े सूत्रों का दावा है कि आरएसएस ने भी इस रैली के लिए अपनी तरफ से मंजूरी दे दी है। संघ से हरी झंडी मिलने के बाद भारतीय मज़दूर संघ के वरिष्ठ अधिकारियों ने रविवार को एक अहम बैठक कर रैली की तारीख़ और रुपरेखा तय की।
सितंबर के पहले सप्ताह में यूपी के वृंदावन में हुई आरएसएस की समन्वय बैठक में भी भारतीय मज़दूर संघ और स्वदेशी जागरण मंच ने केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों पर सवाल उठाया था। साथ ही बेरोजगारी के मुद्दे पर भी सवाल खड़ा किया गया था।
( आनंद प्रकाश पांडेय , वरिष्ठ संवाददाता , इंडिया टीवी )