मन की बात – स्वदेशी वस्तुओं के सहारे प्रधानमंत्री मोदी ने साधा चीन पर निशाना

डोकलाम में तनातनी के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए त्योहारों में आम जनता से स्वदेशी वस्तुओं के इस्तेमाल की अपील है। रविवार को आम जनता से ‘मन की बात’ करते हुए प्रधानमंत्री ने त्योहारों के सामाजिक अर्थशास्त्र की जानकारी दी।

उन्होंने इस अवसर पर स्वदेश निर्मित वस्तुओं के इस्तेमाल की अपील की। प्रधानमंत्री का कहना था कि त्योहारों में मिट्टी की देश में बनी मूर्तियों और दीयों का इस्तेमाल करने से गरीबों का रोजगार मिलेगा। उन्होंने कहा कि इससे हमारे त्योहार सामाजिक के साथ-साथ आर्थिक भी बन जाएंगे। वैसे उन्होंने चीन का नाम नहीं लिया। लेकिन, इशारा स्पष्ट था। दिवाली और गणेशोत्सव जैसे त्योहारों के दौरान देश में हजारों करोड़ के सजावटी सामान से लेकर मूर्तियां तक चीन से आती हैं। इससे धीरे-धीरे इनका स्वदेशी उद्योग चौपट हो गया है।

त्योहार शुरू होने से कई महीना पहले प्रधानमंत्री ने चीनी सामान बेचने वाले व्यापारियों को इससे बचने की परोक्ष चेतावनी दे दी। एक बार सामान आयात हो जाने के बाद नहीं बिकने की स्थिति में भी असली नुकसान यहां के व्यापारियों को ही होगा।

भ्रष्टाचार के मुद्दे पर इस्तीफे के लिए नीतीश कुमार की खुलकर तारीफ कर चुके प्रधानमंत्री ने ‘मन की बात’ में साफ कर दिया कि आने वाले दिनों में भी यह अहम मुद्दा बना रहेगा। उन्होंने बताया कि 1942 में महात्मा गांधी ने ‘अंग्रेजो भारत छोड़ो’ का नारा दिया था और पांच साल के भीतर अंग्रेजों को जाना पड़ गया। उसी तर्ज पर अब देश में ‘भ्रष्टाचार भारत छोड़ो’ आंदोलन की जरूरत है। इसी तरह सांप्रदायिकता, गरीबी, आतंकवाद और जातिवाद के खिलाफ भी आंदोलन शुरू होना चाहिए। आजादी की लड़ाई के इतिहास का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि 1857 से शुरू लड़ाई के बाद 1942 में निर्णायक जंग का वक्त आया था। उसी तरह से आजादी के 70 साल बाद भ्रष्टाचार, जातिवाद, सांप्रदायिकता जैसी बुराइयों से भी अंतिम जंग का वक्त आ गया है। अगले पांच सालों तक जंग के बाद ही 2022 तक हम देश को इनसे मुक्त कर सकेंगे।

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