ये क्या कर दिया कर्नाटक सरकार ने , आखिर क्यों ?

कर्नाटक में सिद्धारमैया सरकार ने गुरुवार को राज्य के नए झंडे का अनावरण कर ही दिया । अभी तक यह देश जम्मू-कश्मीर के अलग झंडे की गलत परंपरा को ढो रहा है और अब कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने नई परंपरा की शुरुआत कर दी है ।

कांग्रेस की राज्य सरकार ने लाल , सफेद और पीले रंग वाले इस आयताकार ध्वज का नाम नाद ध्वज रखा है । इसके बीचो-बीच में राज्य का प्रतीक दो सिरों वाला पौराणिक पक्षी गंधा भेरुण्डा है। प्रख्यात कन्नड़ लेखक हम्पा नागराजैया की अध्यक्षता में बनी समिति ने इस ध्वज को डिजाइन किया है।

अब कर्नाटक के मुख्यमंत्री कह रहें है कि राज्य का झंडा होना असंवैधानिक नहीं है और सभी राज्य अपने अलग झंडे बना सकते हैं । हालांकि साथ ही वह यह भी कह रहें है कि इसे मंजूरी के लिए वो केन्द्र सरकार के पास भेजेंगे ।

जब यह विवाद उठा था उस समय बीजेपी ने इसका तीखा विरोध किया था , यहां तक कि केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने भी इस पर ऐतराज जताया था । राज्य की दूसरी विरोधी पार्टी देवगौड़ा की जेडी-एस ने भी इसका विरोध किया था लेकिन चुनाव जो ना कराए । राज्य में विधानसभा चुनाव सर पर है इसलिए कोई भी दल इसका खुलकर विरोध नहीं करना चाहता

इसलिए सवाल है कि ये क्या कर दिया कर्नाटक सरकार ने..क्योंकि अगर इस तरह की शुरुआत को मान लिया गया तो फिर हर राज्य में यह मांग उठेगी और इस तरह की मांग से अलगाव की भावना ही बढ़ेगी।

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