हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड, उदयपुर के मुख्य प्रचालन अधिकारी (खनन) श्री एल.एस. शेखावत सहित 26 भू वैज्ञानिकों को राष्ट्रपति ने किया सम्मानित

नई दिल्ली
राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने उदयपुर स्थित हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड के मुख्य प्रचालन अधिकारी (खनन) श्री एल.एस. शेखावत को राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार-2016 से सम्मानित किया। अवार्ड स्वरूप श्री शेखावत को एक प्रशस्ति पत्रा, स्मृति चिह्न के साथ-साथ तीन लाख रूपये की नगद पुरस्कार राशि प्रदान की गई।
नई दिल्ली के राष्ट्रपति भवन में बुधवार को भारत सरकार के खान मंत्रालय द्वारा आयोजित भय समारोह में श्री शेखावत को यह सम्मान खनन क्षेत्रा में उनके द्वारा किए गए नवाचारी प्रयोगों तथा राष्ट्र के विकास में योगदान के लिए दिया गया है। इस अवसर पर केन्द्रीय कोयला, नवीन व नवीकरणीय ऊर्जा एवं खनन मंत्राी श्री पीयूष गोयल भी उपस्थित थे।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान के सीकर जिले के एक छोटे से गांव नाथूसर में जन्मे, खनन अभियंता के रूप में अपने कैरियर की शुरुआत करने वाले श्री शेखावत ने हिंदुस्तान जिंक में उत्तरोत्तर उच्च पद पर पहुंचने के साथ ही राष्ट्र के आर्थिक और तकनीकी विकास में अतुलनीय सहयोग किया है।
राष्ट्रपति भवन – प्रेस रिलीज
राष्ट्रापति श्री प्रणब मुखर्जी ने 26 भू वैज्ञानिकों को राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार 2016 प्रदान किया

भूवैज्ञानिक एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं क्योंकि मानवता का भविष्य भूविज्ञान से प्राप्त निष्कर्षों पर ही निर्भर करता है : श्री पीयूष गोयल

युवा वैज्ञानिक पुरस्कार प्राप्त करने वाले डॉ. अभिषेक साहा की भूरि-भूरि प्रशंसा

राष्‍ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (12 अप्रैल, 2017) राष्‍ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में केंद्रीय बिजली, कोयला, नवीन तथा नवीकरणीय ऊर्जा एवं खनन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री पीयूष गोयल की उपस्थिति में 26 वैज्ञानिकों को राष्‍ट्रीय भूविज्ञान पुरस्‍कार 2016 प्रदान किए।

26 भूवैज्ञानिकों को वर्ष 2016 के लिए भूविज्ञान के 11 क्षेत्रों में उनके प्रतिभाशाली योगदानों के लिए राष्ट्रीय भूवैज्ञानिक पुरस्कार प्रदान किए गए। राष्ट्रीय समुद्र विज्ञान संस्थान, गोवा के डॉ. अभिषेक साहा को युवा वैज्ञानिक पुरस्कार मिला जिनकी विशेष रूप से राष्ट्रपति एवं खनन मंत्री ने सराहना की।

खनन मंत्रालय में सचिव श्री अरूण कुमार ने पुरस्कार पाने वाले वैज्ञानिकों एवं अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि राष्ट्रीय भूवैज्ञानिक पुरस्कार जिसे पूर्व में राष्ट्रीय खनिज पुरस्कार के नाम से जाना जाता था, का गठन 1966 में खनन मंत्रालय द्वारा किया गया था और 2009 से भूविज्ञानों के समस्त क्षेत्रों को पुरस्कार के दायरे में लाने के लिए इसे राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार का नाम दे दिया गया। खनन मंत्रालय ने इन पुरस्कारों का गठन वैज्ञानिकों एवं वैज्ञानिकों की टीमों को मूलभूत तथा अनुप्रयुक्त भूविज्ञानों तथा खनन एवं संबंधित क्षेत्रों में उनकी असाधारण उपलब्धियों एवं बेशुमार योगदानों को सम्मानित करने के लिए किया। इस वर्ष पुरस्कार प्राप्त वैज्ञानिक जीएसआई, सीएसआईआर, आईआईटी एवं विभिन्न निजी क्षेत्र तथा सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों के भूवैज्ञानिकों के एक ग्रहणशील समूह से संबंधित थे।

इस अवसर पर बोलते हुए, राष्‍ट्रपति महोदय ने कहा कि ‘सदियों से उपलब्ध प्राकृतिक संसाधनों के दोहन ने हमारे वातावरण पर एक अपरिवर्तनीय छाप छोड़ी है। महात्मा गांधी ने एक बार टिप्पणी की थी और मैं उनको उद्धृत करता हूं ‘इस दुनिया में मनुष्यों की आवश्यकताओं के लिए पर्याप्त वस्तुएं हैं लेकिन मनुष्यों की लालच के लिए नहीं।’ हमें यह सुनिश्चित करना है कि हमारे दृष्टिकोण निर्वहनीय हों। ’

राष्‍ट्रपति महोदय ने कहा कि दुनिया भर में राष्‍ट्रों के लिए यह आवश्‍यक है कि वे सतत विकास के रास्‍ते पर आगे बढ़ें। इस मॉडल में, प्रगति एवं विकास न केवल खनिज अवयवों की उपलब्‍धता पर निर्भर करता है बल्कि उनके न्‍यायोचित दोहन पर भी निर्भर करता है। उन्‍होंने कहा कि सतह के निकट के खनिज भंडार में बहुत तेजी से गिरावट आ रही है, इसलिए भूवैज्ञानिक समुदाय को हमारे लिए आवश्‍यक खनिजों के लिए गहरे स्रोतों को पाने के जरिये भविष्‍य के संसाधनों की मांग की पूर्ति के लिए अपने कदमों में तेजी लाने की जरूरत है। उन्‍होंने कहा कि देश को आत्‍म निर्भर बनाने तथा अपनी कार्यनीतिक आवश्‍यकताओं के लिए बाहरी स्रोतों से आयातों पर निर्भरता घटाने के लिए रणनीतिक एवं महत्‍वपूर्ण खनिज अवयवों की खोज पर विशेष जोर दिया जाना चाहिए। राष्‍ट्रपति महोदय ने कहा कि देश की संसाधन आवश्‍यकताओं पर ध्‍यान देने के साथ-साथ हमें सामुद्रिक क्षेत्रों पर भी विचार करना चाहिए, जिनमें फॉसफोराइट, गैस हाईड्रेट एवं समुद्री सतहों पर भारी मात्रा में सल्‍फाइड की प्रचुर संभावना मौजूद है।

केन्‍द्रीय बिजली, कोयला, नवीन तथा नवीकरणीय ऊर्जा तथा खनन राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) श्री पीयूष गोयल ने इस अवसर पर कहा कि भूवैज्ञानिक एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं क्योंकि मानवता का भविष्य भूविज्ञान से प्राप्त निष्कर्षों पर ही निर्भर करता है।

इस अवसर पर जो गणमान्‍य व्‍यक्ति उपस्थित थे, उनमें खनन मंत्रालय में सचिव श्री अरूण कुमार, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग में सचिव श्री आशुतोष शर्मा और भारतीय भूगर्भीय सर्वे के महानिदेशक श्री एम.राजू भी शामिल थे।

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