आजमगढ़ लोकसभा सीट से बीजेपी ने सपा मुखिया अखिलेश यादव के खिलाफ दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ को चुनावी मैदान में उतारा है। बीजेपी का यह दावा है कि निरहुआ अखिलेश को लोकसभा चुनाव में हरा सकते हैं लेकिन बीजेपी का यह दावा सपा कार्यकर्ताओं के गले नहीं उतर रहा है ।
वाराणसी के सपा कार्यकर्ता तो इसे अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का अपमान बता रहे हैं। वाराणसी से ही लोकसभा का चुनाव लड़ चुके सपा नेता अमीरचन्द पटेल का कहना है कि अखिलेश यादव जैसे बड़े नेता के खिलाफ बीजेपी को किसी बड़े नेता को ही चुनाव में टिकट देना चाहिए लेकिन बजाय इसके बीजेपी ने निरहुआ को टिकट देकर उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष का अपमान किया है । अमीरचंद पटेल इसके विरोध में वाराणसी में जगह-जगह पोस्टर लगा रहें है।
अमीरचंद पटेल यह भी दावा कर रहे हैं कि वो अखिलेश के अपमान का बदला सीधे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से लेंगे…कैसे ..इसके जवाब में वह बहुत अजीब सा तर्क देते हैं। आजकल जहां नेताओं में हर तरफ खुद को वरिष्ठ बताने की होड़ लगी है वहीं अमीरचंद खुद को छोटा नेता मान रहे हैं। उनका तर्क है कि जिस तरह से बीजेपी ने अखिलेश के खिलाफ निरहुआ को उतार कर उनका अपमान किया है ठीक वैसे ही समाजवादी पार्टी भी उन जैसे छोटे कार्यकर्ता को नरेन्द्र मोदी के खिलाफ वाराणसी से लोकसभा का टिकट देकर बीजेपी को सबक सिखाए।
तर्क अजीब लग रहा है ना लेकिन क्या करे..चुनाव है और चुनाव में जीत-हार से पहले सबसे बड़ी जंग होती है टिकट हासिल करना । पार्टी आलाकमान को लुभाना ताकि पार्टी कहे कि जाओ चुनाव लड़ लो। ऐसे में अमीरचंद का यह नायाब पोस्टर वाराणसी में चर्चा का विषय तो बन ही गया है , सपा के खेमें में भी इसे लेकर चर्चा शुरु हो गई है ।