आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर तेलूगु देशम पार्टी के एनडीए से अलग होने के बाद भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने टीडीपी प्रमुख और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चन्द्रबाबू नायडू को पत्र लिखकर इस फैसले को राजनीति से प्रेरित और एकतरफा करार दिया । शाह ने कहा कि आंध्र प्रदेश के विकास को लेकर मोदी सरकार की प्रतिबद्धता दृढ़ है और इस पर कोई सवाल नहीं उठा सकता । एनडीए से अलग होने के नायडू के फैसले को दुर्भायपूर्ण करार देते हुए शाह ने पत्र में कहा कि यह फैसला पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है और इसमें प्रदेश के विकास को दरकिनार किया गया है क्योंकि भाजपा हमेशा से ही विकास और काम करने की राजनीति में भरोसा रखती है और यही हमारा प्रेरणा स्रोत है ।
शाह ने लिखा है कि आंध्र प्रदेश के बंटवारे से लेकर आज तक भाजपा ने हमेशा आंध्र प्रदेश के लोगों की आवाज को उठाया है और लोगों के हितों के लिए काम किया है । हम लगातार तेलुगु लोगों और तेलुगु राज्य के हित के बारे में सोचते हैं । कांग्रेस ने प्रदेश के बंटवारे में लोगों के हितों का खयाल नहीं रखा जिसकी वजह से लोगों को मुश्किल का सामना करना पड़ता है । कांग्रेस ने बंटवारे के दौरान लोगों की संवेदना का बिल्कुल भी खयाल नहीं रखा ।
चंद्रबाबू नायडू को 2014 के लोकसभा चुनाव की याद दिलाते हुए शाह ने लिखा कि जब राज्यसभा और लोकसभा में आपकी पार्टी के पास पर्याप्त संख्या नहीं थी तब भी भाजपा ने इस बात को प्राथमिकता से सदन में उठाया और प्रदेश के लोगों को न्याय दिलाने की बात कही थी ।
उन्होंने कहा कि पिछले चार वर्षो में देश के विभिन्न हिस्सों में हमें जिस तरह से जनता का समार्थन प्राप्त हुआ है वह मोदी सरकार के सकारात्मक एजेंडे पर मुहर है । प्रधानमंत्री सहकारी संघवाद को आगे बढाते हुए टीम इंडिया में विश्वास के साथ काम कर रहे हैं और आंध्र प्रदेश का इसमें विशेष स्थान है । आपको बता दे कि एनडीए से अलग होने के बाद चन्द्रबाबू नायडू बीजेपी को लेकर इतने गुस्सा थे कि उन्होने सदन में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस भी दे रखा है।