दिल्ली
नेपाल और भूटान की यात्रा पर जाने के लिए ‘आधार’ पहचान का वैध दस्तावेज नहीं है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने यह जानकारी दी है।
नेपाल और भूटान की यात्रा पर जाने के लिए भारतीयों को वीजा की जरूरत नहीं होती, अगर उनके पास चुनाव आयोग से जारी मतदाता पहचान पत्र या वैध भारतीय पासपोर्ट है। पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, केंद्र सरकार का स्वास्थ्य सेवा कार्ड या राशन कार्ड भी वैध दस्तावेजों की लिस्ट में शामिल हैं। लेकिन, गृह मंत्रालय ने साफ किया कि इन दोनों देशों की यात्रा के लिए आधार मान्य नहीं होगा। इस सरकारी परिपत्र का महत्व इसलिए भी है क्योंकि एलपीजी सब्सिडी और अन्य कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पाने के लिए ‘आधार’ अनिवार्य है।
सड़क मार्ग से भूटान में प्रवेश करने वाले भारतीयों को वैध यात्रा दस्तावेज के आधार पर रॉयल गवर्नमेंट ऑफ भूटान के आव्रजन कार्यालय से ‘एंट्री परमिट’ हासिल करना होता है। यह कार्यालय पश्चिम बंगाल में जयगांव के सामने भारत-भूटान सीमा पर स्थित है। जबकि नेपाल की सीमा पूरी तरह खुली हुई है और देश में प्रवेश करने वाले लोगों को सिर्फ वैध पहचान पत्र दिखाना होता है।
मालूम हो कि नेपाल की सीमाएं पांच भारतीय राज्यों सिक्किम, पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड से छूती हैं। इस देश में करीब छह लाख भारतीय रहते हैं। जबकि, भूटान की सीमाएं सिक्किम, असम, अरुणाचल प्रदेश और पश्चिम बंगाल से छूती हैं। इस देश में करीब 60 हजार भारतीय रहते हैं। इनमें अधिकांश भारतीय पनबिजली घरों और निर्माण उद्योग में कार्यरत हैं। इसके अलावा आठ से दस हजार दैनिक श्रमिक प्रतिदिन भूटान आते-जाते हैं।