आज़ाद भारत में जन्म लेने वाले पहले उपराष्ट्रपति हैं नायडू – पीएम मोदी का बयान

वेंकैया नायडू ने आज देश के 13वें उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। इस मौके पर पीएम मोदी ने राज्यसभा में वैकेया नायडू का स्वागत करते हुए कहा, ‘वेंकैया जी पहले ऐसे उपराष्ट्रपति हैं जिन्होंने स्वतंत्र भारत में जन्म लिया है।’

पीएम मोदी ने कहा कि आज हिन्दुस्तान के सर्वोच्च पदों पर सामान्य घरों के लोग पदासीन हैं। मोदी ने कहा कि वैंकेया जी जेपी आंदोलन की पैदाइश हैं। उन्होंने कहा, ‘वैंकेया जी किसान के बेटे हैं, आज हम सबने वैंकेया जी को गौरवपूर्ण जिम्मेदारी दी है।’ उन्होंने कहा कि नायडू किसान के बेटे हैं और गांव को भलीभांति जानते हैं। वह जेपी आंदोलन से भी जुड़े रहे। पीएम ने कहा, ‘ वैंकेया जी एक कैबिनेट मंत्री के रूप में भी गांव और किसान की बात करते थे। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का तोहफा नायडू ने ही दिया।’

उपराष्ट्रपति की तारीफ करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘ग्रामीण विकास के अंदर आज कोई भी ऐसा सांसद नहीं है जो एक विषय पर बार-बार मांग न करता हो और वह है अपने क्षेत्र में प्रधानमंत्री सड़क योजना के कार्य के लिए, यह योजना हमारे उपराष्ट्रपति जी ने दिया। आज जब वेंकैया जी इस गरिमापूर्ण पद को ग्रहण कर रहे हैं तो उसी बात को कहूंगा, अमल करो ऐसा अमन में, जहां गुजरें तुम्हारी नजरें, उधर से तुमको सलाम आए।’

इसके अलावा कांग्रेस नेता गुलाब नबी आजाद ने पदभार संभालने के लिए नायडू को बधाई दी। उन्होंने कहा, ‘सदन की परंपरा से आप परिचित हैं, हर पार्टी को बोलने की आजादी है।जिंदगी में इंसान को कई रूप धारण करना पड़ता है, जब संगठन में होते हैं तो एक राजनीतिक दल के साथ होते हैं तो पार्टी की बातें करते हैं लेकिन जब वही शख्स मंत्रिमंडल में आ जाता है तो उद्देश्य बदल जाता है। लेकिन कोई ऐसे पद पर आता है तो इसके पीछे एक तराजू है। यह तराजू हमें बार-बार याद दिलाता है कि हम निष्पक्ष हैं।’

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गुलाम नबी आजाद ने अमीरों का उदाहरण देते हुए कहा कि पंडित मोतीलाल नेहरू इतने अमीर थे कि आज उनकी वकालत की हर दिन की प्रैक्टिस 6 से 7 करोड़ रुपये के बीच होती। आजाद के मुताबिक, उन करोड़पति और अमीर लोगों को भी याद किया जाना चाहिए, जिन्होंने अपना परिवार और जीवन देश की आजादी के लिए समर्पित कर दिया। आजाद ने कहा कि देश की आजादी के लिए गांधी ने अपने कपड़े तक उतार फेंके। आजाद ने कहा, ‘इसमें गरीबी अमीरी का सवाल नहीं है। इनके पीछे एक ताकत है, वो लोकतंत्र है।’