गडकरी ने किया पूर्ण कम्प्यूटरीकृत वाहन चालक प्रशिक्षण सुविधा योजना का शुभारंभ- सुखद यात्रा एप भी लांच

केन्द्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग, पोत परिवहन, जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री नितिन गडकरी ने घोषणा की है कि जल्द ही देश में भारी वाहनों के चालकों को लाइसेंस देने की पूरी प्रक्रिया पूर्ण रूप से कम्प्यूटरीकृत कर दी जाएगी। इस पूरी प्रक्रिया में मानव हस्तक्षेप नहीं होगा।

आज नई दिल्ली में जिला वाहन चालक प्रशिक्षण केन्द्र का उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा कि इस प्रकार के ड्राइविंग लाइसेंस प्रदान करने की पूरी प्रक्रिया पूर्ण रूप से कम्प्यूटरीकृत कर दी जाएगी। इससे जाली लाइसेंसों की संख्या में कमी आएगी तथा इसके परिणामस्वरूप सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में भी कमी आएगी।

केन्द्रीय पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस, कौशल विकास तथा उद्यमिता मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान के साथ गडकरी ने एक मोबाइल एप तथा राजमार्ग पर यात्रा करने वालों के लिए टोल फ्री आपात फोन नंबर का भी शुभारंभ किया।

नितिन गडकरी ने कहा कि सुखद यात्रा मोबाइल एप के माध्यम से राजमार्ग पर यात्रा करने वाले टोल प्लाजा पहुंचने के पूर्व टोल-दरों की जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। इस एप की एक मुख्य विशेषता यह है कि यात्री किसी दुर्घटना, सड़क गुणवत्ता तथा किसी गड्डे की जानकारी एप पर अपलोड कर सकेंगे।

यात्रियों को टोल प्लाजा पर लगने वाले समय की भी जानकारी मिलेगी। इसके अतिरिक्त राजमार्ग नेस्ट/नेस्ट मिनी की जानकारी भी यह एप उपलब्ध कराएगा। इस एप की सहायता से उपयोगकर्ता फास्टटैग भी खरीद सकेंगे।

गडकरी ने कहा कि टोल फ्री नंबर 1033 की सहायता से उपयोगकर्ता किसी आपात स्थिति की जानकारी दे सकेंगे तथा राजमार्ग के अनुभव को साझा कर सकेंगे। इस सेवा को एम्बुलेंस तथा खराब व दुर्घटनाग्रस्त वाहनों को ले जाने वाली सेवा के साथ भी जोड़ा गया है। यह सेवा कई भाषाओं में उपलब्ध है। इस सेवा में उपयोगकर्ता की अवस्थिति की जानकारी स्वतः उपलब्ध होगी इसलिए उन्हें  त्वरित और सटीक सहायता मिलेगी।

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उन्होने कहा कि राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश के प्रत्येक जिले में कम से कम एक आदर्श वाहन प्रशिक्षण केन्द्र का निर्माण किया जाएगा। मंत्रालय एक करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करेगा। एजेंसी भी इस योजना में समान राशि निवेश करेगी। इस योजना का उद्देश्य रोजगार निर्माण करना है तथा देश के भारी व हल्के वाहन चालकों की जरूरतों को पूरा करना है। जो चालक खतरनाक/जोखिम वाले वाहन चलाते है उन्हें भी प्रशिक्षण दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत पांच लाख रुपये की सहायता राशि उन स्वयंसेवी संस्थाओं/ट्रस्टों/सहकारी समितियों को दी जाएगी, जो सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करेंगी।

प्रत्येक राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश में पांच लाख रुपये, दो लाख रुपये तथा एक लाख रुपये के तीन पुरस्कार दिए जाएंगे।

केन्द्रीय पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस, कौशल विकास तथा उद्यमिता मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने सड़क सुरक्षा के इस पहल की प्रशंसा की।

उन्होंने कहा कि वाहन चालकों के प्रशिक्षण से प्रति वर्ष दस हजार करोड़ रुपये तक की धनराशि की बचत की जा सकेगी। प्रधान ने सुझाव देते हुए कहा कि पेट्रोलियम तथा सड़क परिवहन क्षेत्रों की सभी सेवाओं को राष्ट्रीय राजमार्ग के टोल प्लाजाओं पर उपलब्ध कराया जाना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि एक वर्ष में 100 ऐसे केन्द्रों का निर्माण किया जा सकता है।