जैकलीन आई एम कमिंग के हीरो रघुवीर यादव , अपने को एक्टर अमर आनंद की नजर में

बड़ा नाम सुना था । उनसे मिलना ऐसा लगा जैसे मुंगेरी लाल के हसीन सपने साकारा हो गए। भोपाल के एक होटल में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान हुई पहली मुलाकात  ने बिना देर किए दोस्ती की शक्ल ले ली। सिस्टम के खिलाफ जूझ रहे  निम्न मध्यम वर्ग के लोगों की पीड़ा को हूबहू पर्दे पर उतारने वाले उसे आवाज देने वाले रघुवीर यादव के हर किरदार को हमेशा से चाहा और सराहा है देश और समाज ने रघुवीर यादव मुंगेरी लाल के हसीन सपने ,मैसी साहब से लेकर पीपली लाइव तक अपने किरदारों से और अपनी कला से देश के आम आदमी के दिनों में जगह बनाने वाले रघुवीर यदव होशंगाबाद में एक नई फिल्म जैकलिन आई एम कमिंग के हीरो काशी नाथ तिवारी का किरदार कर रहे हैं।  नर्मदा के पानी और उसके किनारे की मिट्टी के संस्कार से ताल्लुक रखने वाले जबलपुर के रहने वाले रघुवीर यादव ने जैकलिन आई एम कमिंग में काशी तिवारी के किरदार में जिस तरह प्राण पूंका वो काबिले तारीफ है। फिल्म की शूटिंग के दौरान उनके साथ रह पाना उनके अभिनय की बारीकियों को जीवंत देख पाना एक दुर्लभ और बेहतरीन अवसर रहा। जमीन, जजबा,  जिद और जुनून उनके अभिनय में सहज ही बोल उठते हैं और किरदार में चीत्कार करते हुए नजर आते हैं। दरअसल रघुवीर किरदार के अंदर घुसकर आंदोलन कर उठते हैं जैसा जैकलिन आई एम कमिंग फिल्म की शूटिंग के दौरान देखा गया। अपने प्यार को बचाने के लिए सिस्टम के खिलाफ जो उनकी लड़ाई थी, वो जबरदस्त और जुनूनी है।

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रंगमंच से लेकर सिनेमा के रूपहले पर्दे के  पर उनके हर आयाम और पड़ाव पर नजर आता है।  पारसी और पपेट थिएटर, खानाबदोशी, दिहाड़ी, नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा, इब्राहिम अलकाज़ी, नाटक, संगीत, मैसी साहब, सलाम बॉम्बे, शेखर कपूर आदि  कई पड़ावों से गुजरे रघुवीर यादव देश के  जिस वर्ग  का वो प्रतिनिधित्व करते हैं, उसने ‘मुंगेरीलाल’ के हसीन सपनों में अपनी बेचैनी, अपने ख्वाब, अपना दर्द और अपना संघर्ष  देखा और ये अंदाज पीपली लाइव के महंगाई डायन खाए जात है तक जारी होता दिखा। उनकी गायकी उनका रंगकर्म और पर्दे पर उनका अभिनय सब कुछ  समाज के दर्द को छूते हुए उनके दर्द को एक दिशा देता हुआ नजर आया और यही सब कुछ भरपूर दिखा एमडी प्रोडक्शन की फिल्म जैकलिन आई एम कमिंग के किरदार में। नर्मदा के किनारे की जीवन संघर्ष को नर्मदा के पानी और मिट्टी में रचे बसे मध्य प्रदेश के लाल रघुवीर यादव के किरदार काशी नाथ तिवारी की जीवंतता देखते ही बनती है।

झारखंड के डालटनगंज से ताल्लुक रखने वाले और मुंबई में 10 से भी ज्यादा साल से सक्रिय फिल्म के क्रिएटिव डायरेक्टर और स्क्रिप्ट राइटर पिंकू दूबे और एड फिल्मों के जरिए अपनी रचनात्मकता को एक नया आयाम देने वाले फिल्म के डायरेक्टर बंटी दूबे ने जब एमडी प्रोडक्शन की इस फिल्म पर काम करना शुरू किया तो मेरे लिए एक किरदार तय किया गया, पीटर मेंडलिस का। इस किरदार और उसके संवाद के बारे में परफेक्शननिस्ट डायरेक्टर बंटी दूबे ने कुछ खास नहीं बताया था,  कलाकारों से ऑन लोकेशन दी बेस्ट परफॉर्मेंस निकलवाने में यकीन रखने वाले बंटी दूबे ने फिल्म में मेरे किरदार को रघुवीर यादव के किरदार काशी नाथ तिवारी के ऑपोजिट रखा। ईमानदारी से कहूं तो 1996 के दौरान डालटनगंज में पिंकू दूबे के साथ नाटक में कुछ छोटे-मोटे रोल और इन दिनों अपने चैनल समाचार प्लस (जहां में एसोसिएट एडिटर हूं) के रीक्रिएशन को छोड़कर अभिनय का मेरा अनुभव नगण्य सा था और मेरे सामने थे अभिनय की दुनिया के अग्रगण्य रघुवीर यादव जी।  फिल्म में काशी नाथ तिवारी (रघुवीर यादव) और पीटर मेंडलिस (अमर आनंद)  एक सरकारी दफ्तर में साथ-साथ काम करते हैं। काशी की अपने सीनियर पीटर मेंडलिस से ट्यूनिंग को फिल्म में दिखाया गया है। इस किरदार को जीना मेरे लिए आसान नहीं था। लेकिन इसे भरपूर जीने और कुछ दृश्यों को वन टेक ओके करने का भी अवसर मिला। इसकी दो वजह थी पहली रघुवीर यादव की सरलता, जो न सिर्फ पर्दे में दिखती है बल्कि रीयल लाइफ में भी। दरअसल मैंने पहली ही मुलाकात में उनसे दोस्ती कर ली थी, जो उनके ऑपोजिट कैरेक्टर करने में बहुत काम आई। दूसरी वजह डायरेक्टर बंटी दूबे हैं, जिन्होंने दृश्यों और संवाद को इतना आसान कर दिया था मेरे लिए कि मैंने हूबहू उनको फॉलो किया और कारगर रहा । बाकी फैसला फिल्म को देखने वाले दर्शक करेंगे। आप ही की तरह मुझे भी फिल्म के पर्दे पर उतरने का इंतजार है।

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( ईवेंट जर्नलिज्म के लिए जाने जाने वाले अमर आनंद ने पहली बार रघुवीर यादव के लीड रोल वाली फ़िल्म जैकलिन आई एम कमिंग के ज़रिए बड़े पर्दे पर दस्तक दी है। )