केन्द्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री राधा मोहन सिंह ने आगामी कृषि उन्नति मेले के संबंध में जानकारी देते हुए बुधवार को बताया कि यह मेला 16 से 18 मार्च, 2018 के बीच नई दिल्ली में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, पूसा के परिसर में आयोजित किया जाएगा।
आपको बता दे कि कृषि विज्ञान मेला वर्ष 1972 में शुरू किया गया। यह भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) का एक अत्यंत महत्वपूर्ण वार्षिक आयोजन है, जो कि कृषि तकनीकी विकास के बारे में जागरूकता पैदा करने और कृषि समुदाय से प्रतिक्रिया प्राप्त करने के लिए आयोजित किया जाता है।
कृषि समुदाय से मिली प्रतिक्रिया संस्थान की अनुसंधान संबंधित रणनीति बनाने में मददगार होती है। यह मेला कृषि अनुसंधान और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण की प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर एक विशेष थीम के साथ हर साल आयोजित किया जाता है।
इस वर्ष इस मेले में लाखों किसानों के आने की संभावना है। केवीके, राज्य कृषि विश्वविद्यालय, राज्यों के कृषि विभाग/बागवानी विभाग, उद्यमी और कृषि से जुड़ी निजी एजेंसियां भी इस मेले में भाग लेंगी। प्रधानमंत्री 17 मार्च को मेले में आये किसानों, कृषि वैज्ञानिकों और अन्य प्रतिभागियों को संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री इस अवसर पर जैविक खेती पोर्टल का उद्घाटन और 25 कृषि विज्ञान केन्द्रों का शिलान्यास करेंगे। समारोह में प्रधानमंत्री द्वारा कृषि कर्मण पुरस्कार और पंडित दीनदयाल उपाध्याय कृषि विज्ञान प्रोत्साहन पुरस्कार भी वितरित किए जाएंगे।
मेले की मुख्य विशेषताएं:
- 800 से ज्यादा स्टॉल
- कृषि और इससे जुड़े क्षेत्रों की नई टेक्नोलॉजी का प्रदर्शन
- माइक्रो एरिगेशन, वेस्ट वाटर यूटिलाइजेशन,पशुपालन(पशुधन, मछलियां आदि) का प्रदर्शन
- सेमिनार और कांफ्रेंस
मेले में थीम पेवेलियन भी होगा जिसमें निम्नाकिंत विषयों को कवर किया जाएगा:
- थीम पेवेलियन: 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करना
- थीम पेवेलियन – जैविक खेती
- जैविक खेती पर जैविक महाकुंभ
- सहकारी मेला
- इनपुट्स पेवेलियन (बीज, खाद,कीटनाशक आपूर्ति करने वाली एजेंसियां)
- बागवानी/डेयरी, पशुपालन, मात्स्यिकी
- आईसीएआर/आईएआरआई
- कपड़ा मंत्रालय, खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय, वाणिज्य मंत्रालय, पूर्वोत्तर राज्यों के स्टाल