देश का गौरव बढ़ाने वाले खिलाड़ियों का सम्मान – राष्ट्रपति ने दिये पुरस्कार

 

दिल्ली

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंगलवार को पैरालम्पिक खेलों में दो बार स्वर्ण पदक जीतने वाले भारतीय एथलीट देवेंद्र झाझरिया और भारतीय पुरुष हॉकी टीम के पूर्व कप्तान सरदार सिंह को देश के सर्वोच्च खेल सम्मान-राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया।
झझारिया ने पिछले साल रियो पैरालम्पिक में शानदार प्रदर्शन कर भाला फेंक स्पर्धा में 12 साल बाद स्वर्ण पदक जीता था। इससे पहले, झाझरिया ने इसी स्पर्धा में अपना पहला स्वर्ण पदक 2004 में एथेंस में आयोजित पैरालम्पिक खेलों में जीता था। साल 1972 में जर्मनी में आयोजित पैरालम्पिक खेलों में पुरुषों की 50 मीटर फ्रीस्टाइल स्पर्धा में मुरलीकांत पेटकर ने भारत के लिए पहली बार पैरालम्पिक खेलों का स्वर्ण पदक जीता था।

राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति भवन में आयोजित सालाना कार्यक्रम में कोविंद ने साथ ही आर. गांधी (एथलेटिक्स), हीरा नंद कटारिया (कबड्डी), जी. एस. एस. वी प्रसाद (बैडमिंटन), ब्रजभूषण मोहंती (मुक्केबाजी), पी.ए. रैपल (हॉकी), संजय चक्रवर्ती (निशानेबाजी) और रोशन लाल (कुश्ती) को द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित किया।

 

राष्ट्रीय खेल दिवस के मौके पर राष्ट्रपति ने अजुर्न अवार्ड भी प्रदान किए। अर्जुन पुरस्कार के लिए चुने गए 17 खिलाडिय़ों में मरियप्पन थंगावेलु (ऊंची कूद, पैरालम्पिक), चेतेश्वर पुजारा (क्रिकेट) और हरमनप्रीत कौर (महिला क्रिकेट) के अलावा वी.जे. सुरेखा (तीरंदाजी), खुशबीर कौर (एथलेटिक्स), अरोकिया राजीव (एथलेटिक्स), प्रशांति सिंह (बास्केटबॉल), लैशराम देवेंद्रो सिंह (मुक्केबाजी), बेमबेम देवी (फुटबाल), एस.एस.पी चौरसिया (गोल्फ), एस.वी. सुनील (हॉकी), जसवीर सिंह (कबड्डी), पी.एन. प्रकाश (निशानेबाजी), एंथोनी अमलराज (टेबल टेनिस), साकेत मायनेनी (टेनिस), सत्यव्रत कादियान (कुश्ती) और वरुण भाटी (पैरालम्पिक)शामिल हैं।

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पदक के अलावा खेल रत्न अवार्ड जीतने वाले खिलाडिय़ों को 7.5 लाख रुपये का नगद पुरस्कार और प्रशस्तिपत्र तथा अर्जुन, द्रोणाचार्य और ध्यानचंद अवार्ड जीतने वाले खिलाडिय़ों को पांच लाख रूपये का नगद पुरस्कर तथा प्रशस्तिपत्र दिया गया।