ऐसा नजारा राष्ट्रपति भवन में बहुत कम ही देखने को मिलता है जब राष्ट्रपति पद्म पुरस्कार ले रहे व्यक्ति को कैमरे की तरफ देखने को कहे और वह व्यक्ति ऐसा करने की बजाय राष्ट्रपति के माथे को छूकर उन्हे आशीर्वाद देने लग जाए और इस सम्मान से गदगद राष्ट्रपति अपनी खुशी आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर जाहिर करते हुए नजर आए।
ऐसा ही हुआ जब 107 वर्ष की महिला जो वृक्ष माता के नाम से प्रसिद्ध है पद्मश्री अवार्ड लेने पहुंची। अवार्ड देने के दौरान जब तिम्मक्का से 33 वर्ष छोटे राष्ट्रपति ने उनसे चेहरा कैमरे की तरफ करने को कहा तो उन्होने राष्ट्रपति का माथा छू लिया और आशीर्वाद दिया। तिम्मक्का के इस सहज कदम से राष्ट्रपति , प्रधानमंत्री और वहां मौजूद अन्य मेहमान मुस्कुराते नजर आए और समारोह कक्ष तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। तिम्मक्का पद्म पुरस्कार लेने नंगे पैर राष्ट्रपति भवन पहुंची थी।
बरगद के 400 पेड़ समेत 8 हजार से ज्यादा पेड़ लगाने के कारण तिम्मक्का को कर्नाटक में वृक्ष माता की उपाधि मिली हुई है। उनकी कहानी घैर्य और दृढ़ संकल्प की कहानी है। उम्र के चौथे दशक में बच्चा न होने की वजह से आत्महत्या करने की सोच रही तिम्मक्का ने पति के सहयोग से पर्यावरण के क्षेत्र में काम करने का फैसला किया और इसी में उन्होने जीवन का संतोष और आनंद तलाश लिया। शनिवार को उन्हे अन्य विजेताओं के साथ राष्ट्रपति भवन में पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया ।
हल्के हरे रंग की साड़ी पहनी तिम्मक्का ने अपने मुस्कुराते चेहरे के साथ माथे पर त्रिपुंड लगा रखा था। तिम्मक्का के आशीर्वाद से गदगद राष्ट्रपति ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लिखा कि यह राष्ट्रपति का सौभाग्य है कि उन्हे भारत के सबसे अच्छे और काबिल लोगों को सम्मानित करने का मौका मिलता है लेकिन आज कर्नाटक की पर्यावरणविद् 107 वर्षीय सालुमरदा तिम्मक्का ने आशीर्वाद देते हुए मेरे सिर पर हाथ रखा तो मेरा ह्र्दय भर आय़ा।