लोकसभा चुनाव का आखिरी चरण अभी होना बाकी है। सातवें और आखिरी चरण में 19 मई को 8 राज्यों की 59 पर वोट डाले जाएंगे । 23 मई को मतगणना होगी और उसके बाद ही यह पता लगेगा कि देश की जनता ने किसे सरकार बनाने के लिए चुना है । किस दल पर जनता मेहरबान हुई है और किसे खारिज कर दिया है । लेकिन इससे पहले ही अगली सरकार बनाने की कवायद तेज हो गई है ।
एनडीए हो या यूपीए , सबकी निगाहें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जाकर टिक रही है । अभी हाल ही में नीतीश की पार्टी के एक नेता ने बीजेपी को नसीहत देते हुए नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री बनाने की बात कही थी और अब कांग्रेस के दिग्गज नेता , राज्यसभा में नेता विपक्ष गुलाम नबी आजाद का एक बड़ा बयान सामने आया है । वो भी नीतीश कुमार पर ही दांव लगाते नजर आ रहे हैं।
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि चुनावी नतीजों के आने के बाद नीतीश कुमार सरीखें कुछ नेताओं की मदद से केन्द्र में गैर-बीजेपी सरकार बनाई जा सकती है । आजाद ने पटना की धरती पर यह बड़ा दिया है । आजाद ने तो यहां तक दावा कर दिया कि नीतीश मजबूरी के कारण बीजेपी के साथ गए हैं और मौका मिला तो वो वापस आ सकते हैं। हालांकि कटाक्ष करते हुए आजाद ने यह भी कहा कि कुछ लोग सत्ता के साथ रहना चाहते हैं।
ऐसे में फिर से यह सवाल खड़ा हो रहा है कि क्या नीतीश कुमार यूटर्न मारने जा रहे हैं ? क्या आजाद के कटाक्ष के बाद भी नीतीश उनके साथ जाना पसंद करेंगे ? मोदी-शाह की जोड़ी के साथ अच्छे संबंध स्थापित होने के बावजूद क्या नीतीश बीजेपी को धोखा देंगे ?
इन तमाम सवालों के जवाब के लिए पहले 23 मई तक इंतजार करना होगा और अगर किसी को बहुमत नहीं मिलेगा तो फिर नीतीश का रूख देखने वाली बात होगी।