प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को संसद के केंद्रीय हॉल में राष्ट्रीय जनप्रतिनिधि सम्मेलन को संबोधित किया। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा, ‘ प्रत्येक राज्य में ऐसे कुछ जिले हैं जहां विकास मानक मजबूत हैं। हमें उनसे सीखना चाहिए और कमजोर जिलों पर काम करना चाहिए।
प्रतिस्पर्धी और सहकारी संघवाद की भावना देश के लिए बहुत अच्छी है।
जन सहभागिता से हमेशा सहायता मिलती है। जहां कहीं भी अधिकारियों ने लोगों के साथ मिल कर काम किया है और उन्हें विकास की प्रक्रिया से जोड़ा है, परिणाम रूपांतरकारी रहे हैं।
यह अनिवार्य है कि ऐसे क्षेत्रों की पहचान की जाए जहां जिलों में सुधार की आवश्यकता है और फिर कमियों को दूर किया जाए। अगर हमने जिलों के एक पहलू में भी बदलाव लाने का फैसला कर लिया तो हमें दूसरी कमियों पर कार्य करने की गति प्राप्त होने लगेगी।
हमारे पास श्रम शक्ति है, हमारे पास कौशल और संसाधन हैं, हमें एक मिशन मोड में काम करने और एक सकारात्मक बदलाव लाने की आवश्यकता है। हमारा लक्ष्य सामाजिक न्याय है।
आकांक्षापूर्ण जिलों में काम करने से एचडीआई में भारत की स्थिति में सुधार आएगा।
जनप्रतिनिधियों का यह सम्मेलन सभापति सुमित्रा महाजन जी द्वारा एक सराहनीय पहल है। यह बहुत अच्छी बात है कि विभिन्न जिलों के जनप्रतिनिधि महत्वपूर्ण मुद्वों पर चर्चा करने के लिए एक साथ आएं।‘