फर्जी खबर रोकने के लिए फेसबुक ने शुरु की नई मुहिम

हाल के दिनों में देखा गया है कि कई खबर सोशल मीडिया पर पोस्ट होती है फिर तेजी से वायरल होने लगती है । ज्यादातर लोग उसे सही मानकर शेयर भी करने लगते है लेकिन जांच-पड़ताल में इस तरह की खबरें ज्यादातर फर्जी पाई जाती है। इस बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए कई निजी न्यूज चैनल भी वायरल हो रही खबरों की पड़ताल दिखाने लगे हैं। लेकिन अब सोशल मीडिया के सबसे बड़े महारथी फेसबुक ने भी फर्जी खबरों को फैलने से रोकने का जिम्मा उठा लिया है।

फेसबुक ने अपने यूजर्स को फर्जी खबरों के प्रति आगाह करते हुए कहा कि इस समस्या से मिलकर ही निपटा जा सकता है । कंपनी ने इस बारे में प्रमुख अखबारों में पूरे पेज का एक विज्ञापन छपवाया है जिसे फर्जी खबरों के खिलाफ उसके अभियान और इसको लेकर लोगों को जागरुक बनाने की पहल के रूप में देखा जा रहा है ।

फेसबुक ने यह कदम ऐसे समय में उठाया है जब सोशल मीडिया खासकर फेसबुक और व्हाट्सऐप के जरिए फर्जी समाचार, सूचनाएं फैलाए जाने को लेकर खासी चिंता जताई जा रही है । व्हाटसऐप भी अब फेसबुक के स्वामित्व वाली कंपनी ही हो गई है । इस विज्ञापन में केवल फेसबुक का प्रतीक चिन्ह है और इसका संदेश है, हम मिलकर झूठे खबरों को कम कर सकते हैं ।

फेसबुक का कहना है कि वह फर्जी खबरों के सर्कुलेशन पर लगाम लगाने की दिशा में काम कर रही है । साथ ही वह लोगों को अलर्ट करना चाहती है कि वे फर्जी खबरों की पहचान कर सकें । कंपनी ने यूजर्स और पाठकों को सलाह दी है कि किसी भी खबर पर भरोसा करने से पहले उसके बारे में जांच पड़ताल कर ले । इसमें यह भी बताया गया है कि आमतौर पर किस तरह की खबरें फर्जी या झूठी होती हैं ।

 फेसबुक ने अपने यूजर्स को वेबसाइट के जरिए भी फर्जी खबरों से बचने के लिए कई सुझाव दिए हैं , साथ ही यूजर्स से भी ऐसी खबरों को रोकने के लिए सुझाव मांगा है । वेबसाइट में दिए गए टिप्स में किसी भी फेक न्यूज को पहचानने के लिए उसके सोर्स, URL, तारीख और उसके फॉर्मेट जैसी चीजों को बारीकी से देखने की सलाह दी गई है । साथ ही इस तरह की खबरों को पढ़ने और शेयर करने के लिए अलर्ट भी दिया जा रहा है ।
इसे भी पढ़ें :  सच सामने आना जरूरी है-दिल्ली हिंसा एक सोची समझी प्रायोजित साजिश है?