बदला दीदी का मूड , अब मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने से किया इंकार

कभी हां , कभी ना । पहले हां फिर ना । एक बार फिर से दीदी का मूड बदल गया है। अब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं होंगी। पहले समारोह में शामिल होने की बात कहने वाली ममता दी के मूड में बुधवार को बदलाव आ गया। उन्होंने बीजेपी पर शपथ ग्रहण में सियासत का आरोप लगाते हुए कहा कि अब वह इस कार्यक्रम का हिस्सा नहीं बनेंगी। ममता ने बयान जारी कर कहा कि शपथ ग्रहण लोकतंत्र की महत्वपूर्ण परंपरा है, लेकिन इसे राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। ममता ने पीएम मोदी को लिखे पत्र को अपने ट्विटर अकाउंट पर भी शेयर किया है। इसके साथ ही केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने भी शपथ में शामिल न होने की बात कही है।

ममता बनर्जी ने ट्विटर पर लिखा कि लोकतंत्र के उत्सव का जश्न मनाने के लिए शपथ ग्रहण एक पवित्र मौका होता है। यह ऐसा मौका नहीं है जिसमें किसी दूसरी पार्टी को महत्वहीन बनाने की कोशिश की जाए। ममता दी ने आगे लिखा कि नए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी आपको बधाई! ‘संवैधानिक आमंत्रण’ पर मैंने शपथ ग्रहण में शामिल होने का फैसला किया था। हालांकि, पिछले कुछ घंटे में मीडिया रिपोर्ट में मैंने देखा कि बीजेपी दावा कर रही है कि बंगाल में 54 राजनीतिक हत्याएं हुई हैं। यह पूरी तरह से झूठ है। बंगाल में कोई राजनीतिक हत्या नहीं हुई है। संभव है कि यह हत्या पुरानी रंजिश, पारिवारिक झगड़े या फिर किसी और रंजिश में हुई हो। इसमें राजनीति का कोई संबंध नहीं है और न ही हमारे रेकॉर्ड में ऐसा कुछ है।

इसे भी पढ़ें :  CAA पर घर-घर जाकर संपर्क करेंगे अमित शाह, नड्डा , राजनाथ , गडकरी समेत तमाम बीजेपी नेता

 

प्रधानमंत्री को काफी तल्ख भाषा में लिखे पत्र में उन्होंने जीत की बधाई देते हुए शपथ ग्रहण में शामिल होने से इनकार कर दिया। आपको बता दे कि 2014 में भी पीएम के शपथ ग्रहण में ममता शामिल नहीं हुई थीं, लेकिन अपने विश्वासपात्र अमित मित्रा और मुकुल रॉय को उन्होंने प्रतिनिधि के तौर पर भेजा था। हालांकि, रॉय अब बीजेपी में हैं और एक दिन पहले ही उनके बेटे ने भी बीजेपी का दामन थाम लिया है।