लखनऊ
अयोध्या में छह दिसम्बर 1992 में को ध्वस्त किये गये विवादित ढांचे के मामले में पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, भारतीय जनता पार्टी के पूर्व अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी समेत 12 आरोपियों को 50-50 हजार के निजी मुचलके पर जमानत मिल गई है । आडवाणी और जोशी के साथ कुछ अन्य आरोपी दिल्ली से सुबह करीब नौ बजे लखनऊ हवाई अड्डे पहुंचे। वहां से वह अतिविशिष्ट अतिथि गृह आए जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत कई नेताओं ने उनसे मुलाकात की।
मुलाकात के बाद सभी आरोपी सीधे अदालत पहुंचे। आडवाणी, जोशी, केन्द्रीय मंत्री उमा भारती, बीजेपी सांसद विनय कटियार, विहिप नेता विष्णु हरि डालमिया और साध्वी ऋतम्भरा को गत 26 मई को अदालत में पेश होना था, लेकिन अदालत में बैठते ही उनके वकील ने हाजिरी माफी की दरख्वास्त दे दी थी।
विशेष अदालत के न्यायाधीश सुरेन्द्र कुमार यादव ने हाजिरी माफी तो दे दी थी,लेकिन 30 मई को हर हाल में पेश होने का आदेश दिया था। इन आरोपियों के पेश नहीं होने की वजह से 26 मई को आरोप तय नहीं हो सके। अब इनके ऊपर भी आज आरोप तय किये जाएंगे। आरोप तय करने के लिये आरोपी को व्यक्तिगत रुप से अदालत में उपस्थित होना जरुरी होता है।
लखनऊ अदालत में आडवाणी और जोशी के साथ ही विनय कटियार, केन्द्रीय मंत्री उमा भारती, साध्वी ऋतम्भरा, डालमिया, श्री रामजन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष नृत्य गोपाल दास, पूर्व सांसद डा़ राम विलास दास वेदान्ती, महंत धर्मदास, चम्पत राय, सतीश प्रधान और बैकुंठ लाल शर्मा हाजिर हुए हैं। पिछली तारीख को अदालत ने कहा था कि उच्चतम न्यायालय के आदेशानुसार चार सप्ताह में आरोप तय कर देने हैं, लेकिन आरोपियों के पेश नहीं होने की वजह से इसमें देरी हो रही है। इससे पहले आडवाणी, जोशी, कटियार, उमा भारती, साध्वी ऋतम्भरा और डालमिया के खिलाफ रायबरेली में मुकदमा चल रहा था, लेकिन 19 अप्रैल 2017 को उच्चतम न्यायालय के आदेश से मुकदमा लखनऊ की विशेष अदालत में स्थानातंरित कर दिया गया ।
इन लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 153, 153ए, 295, 295ए, 120बी और 505 के तहत आरोप तय किये जाने हैं। रायबरेली में ही विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) नेता अशोक सिंघल और आचार्य गिरिराज किशोर के खिलाफ भी मुकदमा चल रहा था, लेकिन इन दोनो की मृत्यु हो गयी। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के विरुद्ध भी रायबरेली में ही मुकदमा चल रहा था लेकिन राजस्थान के राज्यपाल बनाये जाने की वजह से उन्हें मुकदमें में फिलहाल राहत मिली हुई है।
हालांकि बीजेपी नेताओं को उम्मीद है कि बाबरी विध्वंस मामले में अदालत का फैसला उनके पक्ष में आएगा । केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने उम्मीद जताई कि अदालत की ओर से आडवाणी समेत सभी बीजेपी नेताओं को क्लीन चिट मिल जाएगी । उन्होंने कहा कि आडवानी और जोशी बेदाग साबित होंगे । इसके अलावा साध्वी ऋतम्भरा ने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि कोर्ट जल्द से जल्द इस पर निर्णय देगा । आरोप सीबीआई ने लगाए हैं , कोर्ट में तथ्य उनको पेश करने हैं , कोर्ट अपना काम करेगा और हमें कोर्ट पर पूरा भरोसा है ।
वहीं, बीजेपी के वरिष्ठ नेता एवं मामले के आरोपी विनय कटियार ने यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह पर केस चलाने की मांग की है । उन्होंने कहा कि इस घटना में 16 लोग मारे गए थे और मुलायम सिंह इस पर अपनी गलती कबूल चुके हैं । लिहाजा उनके खिलाफ हत्या का केस चलना चाहिए ।