भारतीय रक्षा प्रदर्शनी (डेफएक्सपो 2018 ) – रक्षा उत्पादन का बड़ा हब भारत

भारतीय रक्षा प्रदर्शनी (डेफएक्सपो 2018 प्रदर्शनी ) 2018 प्रदर्शनी पहली बार विश्व के सामने भारत की रक्षा विनिर्माण क्षमताओं को प्रदर्शित करेगी। यह प्रदर्शनी के टेग लाइन में परिलक्षित है जो ‘भारत: एक उभरता रक्षा विनिर्माण हब‘ है। डेफएक्सपो 2018 प्रदर्शनी भारत की सभी तीन सेनाओं -थल सेना, नौसेना एवं वायु सेना की कई रक्षा प्रणालियों एवं कंपोनेंट के एक रक्षा निर्यातक देश के रूप में ब्रांडिंग करेगी। यह प्रदर्शनी जहां भारत की उल्लेखनीय सार्वजनिक क्षेत्र की ताकतों को प्रदर्शित करेगी, वहीं यह भारत के बढ़ते निजी क्षेत्र उद्योग को भी सामने लाएगी तथा कंपोनेंट एवं सब-सिस्टम्स के लिए एमएसएमई आधार को विस्तारित करेगी।

डेफएक्सपो 2018 प्रदर्शनी हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड को विभिन्न फ्लाइंग प्लेटफॉर्म के रूप में प्रदर्शित करेगी। हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के प्लेटफॉर्म के अतिरिक्त, यह प्रदर्शनी घरेलू निजी उद्योग एवं एयरो-कंपोनेंट उद्योग को भी बढ़ावा देगी।

डेफएक्सपो 2018 प्रदर्शनी का आयोजन समुद्र के तट चेन्नई से महाबलीपुरम के रास्ते पूर्वी तट पर किया जा रहा है, यह भारतीय नौसेना को अपने घरेलू डिजाइन एवं विनिर्माण क्षमताओं को भी प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान करेगी। भारत गर्वपूर्वक जहाज निर्माण में अपनी नौसैनिक डिजाइनिंग क्षमताओं को प्रस्तुत करेगा।

ज्हां तक भूमि प्रणालियों का प्रश्न है तो भारत डेफएक्सपो 2018 प्रदर्शनी में अपनी 155 एमएम एडवांस्ड टाउड आर्टिलरी गन (एटीएजी) का अनावरण करेगा। यह पहली बार है कि भारत के पास अपनी खुद की एटीएजी है जिसकी डिजाइन एवं जिसका विकास कल्याणी ग्रुप, टाटा पावर एवं ओएफबी के सहयोग से डीआरडीओ द्वारा किया गया है।

भारत अपनी मिसाइल एवं रॉकेट विनिर्माण क्षमताओं का भी प्रदर्शन करेगा जिसमें सतह से वायु, वायु से वायु एवं समुद्र से वायु समेत सभी प्रकार के हमलों के लिए उपलब्ध ब्रह्मोस भी शामिल है। इसके अतिरिक्त, डेफएक्सपो 2018 प्रदर्शनी का एक बड़ा आकर्षण आकाश मिसाइल सिस्टम भी होगा।

इसे भी पढ़ें :  रक्षा क्षेत्र में सहयोग के लिए भारत और अमेरिका के प्रतिनिधिमंडलों की बैठक आयोजित

भारत को एक उभरते रक्षा उत्पादक हब के रूप में रेखांकित करने पर फोकस को देखते हुए डेफएक्सपो 2018 प्रदर्शनी में कम से कम आधा स्थान घरेलू प्रदर्शकों के लिए निर्धारित किया गया है। यह डेफएक्सपो 2018 प्रदर्शनी को अपनी क्षमताओं को प्रदर्शित करने एवं रक्षा विनिर्माण की वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला के साथ समेकित हसेने का अब तक का सबसे बढ़ा अवसर उपलब्ध कराएगा।

भारतीय रक्षा प्रदर्शनी पिछले 10 सालों में विश्व में अपनी तरह के सबसे विशाल कार्यक्रमों में एक अनूठी मिसाल बन गई है। रक्षा प्रदर्शनी चेन्नई में 11 से 14 अप्रैल, 2018 के बीच आयोजित की जा रही है तथा इस कार्यक्रम को जबर्दस्त समर्थन मिल रहा है। 42 देशों ने अपनी भागीदारी की पहले ही पुष्टि कर दी है और आगामी दिनों में यह संख्या और बढ़ने की उम्मीद है।

जिन देशों ने भागीदारी की पुष्टि की है उनमें अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, फ्रांस, इजराइल, कोरिया, स्वीडन जैसे बहुत से बड़े रक्षा उत्पादक देश शामिल हैं। संभावना है कि रक्षा प्रदर्शनी में भाग लेने वाले बहुत से शिष्टमंडल मंत्रालय स्तर के होंगे। बहुत से शीर्ष सेवा अधिकारी (सेना/नौसेना/वायुसेना) भी रक्षा प्रदर्शनी में भाग ले रहे हैं।

रक्षा प्रदर्शनी 2018 की मुख्य विषयवस्तु् भारत को विश्व में रक्षा उत्पादन के एक बड़े हब के रूप में दर्शाना है। इससे देशी उद्योगों में अपने स्वदेशी निर्माण मंच तथा कंपोनेंटस के प्रदर्शन के लिए जबर्दस्त  उत्सांह पैदा हुआ है। हर रोज लगभग दस कंपनियां रक्षा प्रदर्शनी के लिए स्था़न बुक करा रही हैं। अनुमान है कि रक्षा प्रदर्शनी 2018 लगभग 2 लाख वर्ग मी. क्षेत्र में आयोजित की जाएगी।

इसे भी पढ़ें :  भारत की समृद्ध सैन्य संस्कृति का समारोह- रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नई दिल्ली में किया प्रथम सैन्य विरासत महोत्सव का उद्घाटन