भारत छोड़ो आंदोलन की 75वीं वर्षगांठ के खास मौके पर बुधवार को संसद का विशेष सत्र चल रहा है । अगस्त क्रांति पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में अपने संबोधन में कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि हमें इस आंदोलन को दोबारा याद करने का मौका मिला । भारत छोड़ो आंदोलन के बारे में नई पीढ़ियों को बताना जरूरी है । युवाओं को इस आंदोलन के बारे में विस्तार से जानना चाहिए । प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में आगे कहा कि इतिहास की घटनाएं हमें प्रेरणा देती हैं ।
पीएम मोदी ने दो संकल्प दोहराते हुए कहा कि देश से भ्रष्टाचार दूर करेंगे और ऐसा करके रहेंगे और साथ ही हम देश से गरीबी खत्म करेंगे और करके रहेंगे।
पीएम मोदी ने कहा कि हमारे जीवन में ऐसी चीजें घुस गई हैं जिनसे लगता ही नहीं कि हम कानून तोड़ रहे हैं । कानून सिर्फ मदद कर सकता है, हमें समाज कर्तव्यभाव जगाने की जरूरत है । उन्होंने लोगों से अपील की कि हमें देश में एक बार फिर से 1942 जैसा माहौल जगाना होगा । हमें संकल्प लेना होगा कि भ्रष्टाचार दूर करना होगा । उन्होंने आजादी के आंदोलन को याद करते हुए कहा कि 1942 से 1947 तक के आंदोलन ने देश को आजादी दिलाई ।
इससे पहले प्रधानमंत्री ने ‘भारत छोड़ो’ आंदोलन की 75वीं वर्षगांठ पर लोगों से कहा कि वह देश को सांप्रदायिकता, जातिवाद और भ्रष्टाचार जैसी समस्याओं से मुक्त बनाने के लिए कदम उठाएं और 2022 तक ‘नये भारत’ का निर्माण करें । महात्मा गांधी के नेतृत्व में वर्ष 1942 में हुए ऐतिहासिक आंदोलन में भाग लेने वाले सभी लोगों को सलाम करते हुए मोदी ने लोगों से इससे प्रेरणा लेने को कहा ।
इस मौके पर पीएम मोदी ने ट्वीट में लिखा है, ‘ऐतिहासिक भारत छोड़ो आंदोलन की 75वीं वर्षगांठ पर हम आंदोलन में भाग लेने वाले सभी महान महिलाओं और पुरूषों को सलाम करते हैं । ’’ उन्होंने लिखा, ‘‘1942 में भारत को उपनिवेशवाद से मुक्त कराने की जरूरत थी । आज, 75 साल बाद मुद्दे अलग हैं । ’’ मोदी ने लिखा है, ‘‘भारत को गरीबी, गंदगी, भ्रष्टाचार, आतंकवाद, जातिवाद, साम्प्रदायिकता से मुक्त कराने और 2022 तक ‘नये भारत’ का निर्माण करने की शपथ लें ।’’ ‘संकल्प से सिद्धि’ का नारा देते हुए प्रधानमंत्री ने लोगों से अपील की कि वे कंधे-से-कंधा मिलाकर ‘‘ऐसे भारत का निर्माण करें जिस पर हमारे स्वतंत्रता सेनानियों का गर्व हो । ’’
आपको बता दें कि संसद में भारत छोड़ो आंदोलन को खास अंदाज में मनाया जा रहा है । राज्यसभा और लोकसभा दोनों ही सदनों में विधायी कार्य की जगह आजादी की लड़ाई पर चर्चा हो रही है। इस मौके पर संसद भवन को सजाया गया है । भारत छोड़ो आंदोलन की ऐतिहासिक 75वीं वर्षगांठ पर होने वाली चर्चा में सभी दलों ने सांसदों को अनिवार्य रूप से उपस्थित रहने के लिए कहा है ।