प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में वीआईपी संस्कृति की जगह ‘ईपीआई’ Every Person is Important संस्कृति को बढ़ावा देने का आह्वान करते हुए कहा कि लाल बत्ती का चलन खत्म हो गया है, लेकिन कुछ लोगों के दिमाग से लाल बत्ती वाली सोच को खत्म करना जरूरी है। मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि देश की 125 करोड़ जनता का समान रूप से महत्व है।
मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में कहा, ‘‘देश में वीआईपी कल्चर के खिलाफ लोगों में नफरत है। बत्ती गाड़ी पर लगती थी लेकिन मन में घुस जाती थी। दिमाग में जो बत्ती घुसी उससे निकलने में थोड़ा वक्त लगता है। लोगों ने लालबत्ती हटाने के निर्णय का स्वागत किया है। यह भी सफाई अभियान का हिस्सा ही है। पीएम ने आम जनता को सुझाव भेजने के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह सामान्य बात नहीं है। लोग अपने अनुभव के आधार पर मुझे राय भेजते हैं जो सच में काफी सुखद है।
पीएम ने कहा कि 1 मई को महाराष्ट्र और गुजरात का स्थापना दिवस है, उन्हें बधाई। पीएम ने कहा कि 2022 तक हम अपने राज्य, देश, नगर को कहां ले जाएंगे, इस बारे में सोचना चाहिए।
पर्यावरण को लेकर लोग कुछ सजग हो रहे हैं। कुदरत ने भी नियम बदल दिए हैं। मार्च- अप्रैल में मई-जून की गर्मी अनुभव हो रही है। प्रशांत कुमार मिश्र, टीएस कार्तिक ने पक्षियों की चिंता की है। उन्होंने गर्मी के समय क्या करें इसका सुझाव दिया है। छोटे-छोटे बच्चे पक्षियों के लिए ज्यादा चिंता करते हैं। गुजरात में बोहरा समाज के लोगों गौरैया को बचाने के लिए काफी काम किया था।
कई लोग आराम की जिंदगी जीने के आदि हो जाते हैं। कंफर्ट जोन में जीना ठीक है, लेकिन मेहनत जरूरी है। अब परीक्षाएं समाप्त हो चुकी हैं। छुट्टियों में युवाओं को कुछ करना चाहिए। तीन सुझाव हैं- नया अनुभव करें, जिसके बारे में न सुना है, न जानते हैं, नई जगहों पर जाएं। तकनीक सीखें, संगीत सीखें, अन्य भाषाएं सीखें. भारत में तमाम विविधताएं हैं. स्वीमिंग नहीं आती तो सीखें, ड्राइंग सीखें, कुछ लाभ तो मिलेगा, नया कुछ भी करें।
रिजर्वेशन किए बिना, टिकट लेकर यात्रा करें। 24 घंटे का सफर करें अनुभव करें, क्या लगता है। गरीब बस्ती में अपने खेल का सामान लेकर जाएं। गरीब लोगों के जीवन में बड़ा बदलाव आएगा और आपके भी। तकनीक दूरियां कम करने के लिए आई थी लेकिन आज उल्टा हो रहा है, एक घर में लोग दूर हो रहे हैं।
इस वर्ष संत रामानुजाचार्य की 1000वीं जयंती है। रामानुजाचार्य जी ने समाज की बुराइयों के खिलाफ लड़ाई लड़ी। उन्होंने अपने आचरण द्वारा लोगों में अपनी जगह बनाई। तब अछूत कहे जाने वालों को गले लगाया। मंदिर प्रवेश के लिए आंदोलन किए। भारत सरकार उनके सम्मान में एक डाक टिकट जारी करेगी।
1 मई को श्रमिक दिवस के रूप में भी बनाया जाता है। बाबा साहेब आंबेडकर की याद आती है। श्रमिकों के कल्याण के लिए उनका योगदान भुलाया नहीं जा सकता। जगत गुरु बश्वेश्वर ने भी श्रम श्रमिक पर गहन विचार रखे थे। उन्होंने कहा था कि श्रम ही ईश्वर है। दत्तोपंत ढेंगड़ी ने मजदूरों को एक किया। ये दुनिया को एक करने के लिए जरूरी है। बुद्ध पूर्णिमा बुद्ध के विचार आज भी प्रासंगिक है।
भारत दक्षिण एशियायी देशों के साथ सहयोग को और बढ़ाने के लिए पांच मई को दक्षिण एशिया उपग्रह का प्रक्षेपण करेगा। सरकार का ‘सबका साथ-सबका विकास’ का मंत्र सिर्फ भारत के लिए ही नहीं है बल्कि इसके अंतर्गत पास-पड़ोस के देशों का विकास और उन्हें साथ लेकर चलना भी शामिल है।
गौरतलब है कि पीएम मोदी मन की बात कार्यक्रम में आम आदमी से जुड़े अहम मुद्दों को उठाते हैं। इसके लिए पीएम की तरफ से देश की जनता से विषय और सुझाव देने की अपील भी की जाती है। पीएम देशवासियों की टिप्पणियों और सुझावों को अपने इस लोकप्रिय कार्यक्रम में शामिल भी करते हैं।