मोदी मं‍त्रिमंडल ने प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्‍साहन योजना के कार्य क्षेत्र में वृद्धि को मंजूरी दी

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में आर्थिक मामलों पर मंत्रिमंडलीय समिति ने प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना (पीएमआरपीवाई) के कार्य क्षेत्र में वृद्धि को अपनी मंजूरी दी हैं।

भारत सरकार अब सभी क्षेत्रों के लिए नये कर्मचारी के पंजीकरण की तिथि से पहले तीन वर्षों के लिए नियोक्‍ता के पूर्ण ग्राह्य योगदान में योगदान देगी, जिसमें वर्तमान लाभार्थियों के तीन वर्षों की उनकी शेष अवधि का योगदान भी शामिल है।

 

लाभ :

अनौपचारिक क्षेत्र के कामगार सामाजिक सुरक्षा के दायरे में आ जाएंगे तथा और अधिक रोजगार का सृजन होगा।

अभी तक इस योजना के काफी प्रेरणादायी परिणाम प्राप्‍त हुए है और औपचारिक रोजगार में लगभग 31 लाख लाभार्थी सम्मिलित हुए हैं, जिसमें 500 करोड़ रूपये से अधिक का व्‍यय शामिल है।

पृष्‍ठभूमि :

पीएमआरपीवाई अगस्‍त, 2016 से ही परिचालन में है। इस योजना में, सरकार 15 हजार रूपये प्रति महीने तक के वेतन के साथ, एक नये सार्वभौमिक खाता नंबर (यूएएन) रखने वाले नये कर्मचारियों (जो 01 अप्रैल, 2016 या उसके बाद नियुक्‍त हुये हैं) के संदर्भ में कर्मचारी पेंशन योजना में नियोक्‍ताओं के 8.33 प्रतिशत योगदान का भुगतान कर रही है। इस योजना का दोहरा लाभ है।

एक तरफ नियोक्‍ताओं को प्रतिष्‍ठानों में कामगारों के रोजगार आधार में वृद्धि करने के लिए प्रोत्‍साहन दिया जाता है, तो दूसरी तरफ बड़ी संख्‍या में कामगार ऐसे प्रतिष्‍ठानों में रोजगार पा सकेंगे। इसका एक प्रत्‍यक्ष लाभ यह है कि इन कामगारों को संगठित क्षेत्र के सामाजिक सुरक्षा लाभों की सुविधा प्राप्‍त हो सकेगी।

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