मोदी लहर से घबराए अखिलेश और मायावती का गठबंधन- 2019 की शुरुआत ? 

2014 के बाद से ही मोदी का विजयी रथ इतनी तेजी से दौड़ रहा है कि अब विपक्षी दलों को भी अपने वजूद की चिंता सताने लगी है। यही वजह है कि देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में राजनीति के दो ध्रुव मायावती और अखिलेश ने भी अब एक साथ आने का फैसला कर लिया है और इसकी शुरुआत मायावती के एक फैसले से हो गयी है।

बीएसपी सुप्रीमो मायावती के निवास पर हुई मैराथन बैठक के बाद उन्होंने गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों के समर्थन का फैसला किया है। सपा ने इस समर्थन की पुष्टि करते हुए बीएसपी को धन्यवाद भी कह दिया है।

सूत्रों के मुताबिक गोरखपुर और फूलपुर में हो रहे लोकसभा उपचुनाव के बारे में बसपा सुप्रीमो मायावती ने पार्टी के जिम्मेदार नेताओं से फीडबैक लिया था। दोनों लोकसभा क्षेत्रों के जोनल कोऑर्डिनेटर से भी उनकी बात हुई थी ।


गौरतलब है कि विधान परिषद सदस्य बनने के बाद केशव प्रसाद मौर्य ने फूलपुर के सांसद पद से इस्तीफा दे दिया था। उपचुनाव में भाजपा ने वाराणसी के पूर्व महापौर कौशलेंद्र सिंह पटेल को प्रत्याशी बनाया है । वहीं सपा ने नागेंद्र प्रताप सिंह पटेल को चुनाव मैदान में उतारा है, तो कांग्रेस ने वरिष्ठ नेता जेएन मिश्र के पुत्र मनीष मिश्र पर दांव लगाया है ।

वहीं योगी आदित्यनाथ के इस्तीफे के बाद खाली हुई गोरखपुर लोकसभा सीट पर होने जा रहे उपचुनाव के लिए बीजेपी ने क्षेत्रीय अध्यक्ष उपेंद्र दत्त शुक्ला को प्रत्याशी घोषित किया है जो गोरखपुर से राज्यसभा सांसद और वर्तमान में केंद्र में मंत्री शिव प्रताप शुक्ला के बेहद करीबी बताए जाते है । सपा ने निषाद पार्टी और डॉ. अयूब की पीस पार्टी के साथ उपचुनाव में गठबंधन किया है । अखिलेश ने गोरखपुर से निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद के बेटे इंजीनियर प्रवीण कुमार निषाद को मैदान में उतारा है । वहीं कांग्रेस ने डॉ. सुरहिता करीम को अपना प्रत्याशी घोषित किया है ।

गोरखपुर और फूलपुर लोक सभा सीट के लिए मतदान 11 मार्च को होगा । चुनावों के परिणाम की घोषणा 14 मार्च को होगी ।

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