दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी सरकार के तीन वर्ष पूरा होने पर देश भर में सरकार की उपलब्धियों को आक्रामक ढंग से पहुंचाने का फैसला किया है ।
पीएम की मंशा के अनुरूप बीजेपी ने अपने नेताओं, मंत्रियों और मुख्यमंत्रियों के जरिए पूरे देश को मथने की तैयारी की है। पार्टी अध्यक्ष अमित शाह समेत बीजेपी के दिग्गज मंत्री और बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री देश के अलग अलग हिस्सों में तीन साल के जश्न में शरीक होने के साथ- साथ सभाएं और रैलियां करके सरकार के तीन साल की उपलब्धियों को जनता के बीच ले जाएंगे।
जश्न की शुरुआत खुद पीएम नरेंद्र मोदी 26 मई को गुवाहाटी की रैली से करेंगें जहां वो रैली के जरिये सरकार की उपलब्धियां बताएँगे ।
इसके साथ ही केद्र सरकार के सभी मंत्री , बीजेपी के सीएम और पार्टी पदाधिकारी भी देश भर में होने वाले जश्न का हिस्सा बनेंगे ।
27 मई से 15 जून तक पूरे देश में बीजेपी मोदी सरकार के 3 साल की उपलब्धियों का उत्सव मनाएगी ।
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह दिल्ली, रायपुर, इटानगर ,पोर्ट ब्लेयर , गंगटोक और त्रिवेंद्रम में सभा , प्रेस कांफ्रेस और रैली करके मोदी सरकार के कामों का बखान करेंगे।
गृह मंत्री राजनाथ सिंह मुम्बई और जयपुर में सरकार की उपलब्धियों को गिनाएंगे ।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज दिल्ली और लखनऊ, तो वेंकैया नायडु भुवनेश्वर और छत्तीसगढ़ , वित्त मंत्री अरुण जेटली बेंगलुरु और अहमदाबाद में, तो सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी चेन्नई और रांची में प्रेस कांफ्रेस और रैली के जरिए सरकार की योजनाओं को जनता के बीच ले जायेंगे ।
इसके अलावा सभी केंद्रीय मंत्री कम से कम दो राज्यों में जा कर मोदी सरकार के तीन साल के कामकाज का ब्यौरा रखेंगे ।
बीजेपी के मुख्यमंत्रियों को भी गैर-बीजेपी शासित राज्यो में सभाओं और रैलियां करने के लिए लगाया गया है।
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बिहार की राजधानी पटना में मोदी सरकार के कामों को गिनाने के साथ ही लालू परिवार के भ्रष्टाचार के खिलाफ दहाड़ेंगे। यूपी के डिप्टी सीएम केशव मौर्या बिहार के ही नालंदा में तो दूसरे डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा तमिलनाडु जाकर सरकार के काम गिनाएंगे।
राजस्थान की सीएम वसुंधरा राजे को शिमला, रघुवर दास को दुर्गापुर, रमन सिंह को आसनसोल, शिवराज सिंह चौहान को कटक, देवेंद्र फणनवीस को कोच्चि और गोवा के मनोहर पर्रिकर को विजयवाड़ा में सरकार की उपलब्धियां गिनाने के साथ- साथ विरोधी राज्य सरकारों को निशाने पर लेने की मुहिम पर लगाया गया है ।