केवी थॉमस के नेतृत्व वाली लोक लेखा समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा गया है कि पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर अभी तक जितने भी कॉन्ट्रेक्ट दिए गए हैं उन सभी को तत्काल प्रभाव से रद कर दिया जाना चाहिए। समिति ने पाया है कि मध्य रेलवे और पश्चिमी रेलवे को दिए गए कॉन्ट्रेक्ट्स में कोई पारदर्शिता नहीं दिखती है। मुंबई डिविजन मध्य रेलवे और पश्चिमी रेलवे के अंतर्गत आता है।
समति ने मुंबई डिविजन को दिए गए कॉन्ट्रैक्ट्स में घोटाले का आरोप लगाया है और इसमें रेलवे के अधिकारियों का हाथ बताया है। इस मामले की जांच केंद्रीय सतर्कता आयोग द्वारा की गई थी और कुछ अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई भी की गई थी लेकिन अब इस मामले में समिति ने सीबीआइ जांच की सिफारिश की है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि जब तक आला अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होगी तब तक विज्ञापनों के कॉन्ट्रेक्ट्स में पारदर्शिता नहीं आ सकती।