लोकसभा से फिर पास हुआ तीन तलाक का बिल , अब राज्यसभा में भी पास होने की बढ़ी उम्मीद

विरोधी दलों के भारी विरोध और सहयोगी जेडीयू के वॉक आउट के बीच तीन तलाक बिल लोकसभा से एक बार फिर पास हो गया है. बिल के पक्ष में 303 सांसदों ने वोट किया जबकि विरोध में 82 सांसदों ने.

दोबारा सत्ता में प्रचंड बहुमत के साथ वापसी करने वाली मोदी सरकार ने एक बार फिर से लोकसभा में मुस्लिम महिलाओं के सम्मान और न्याय से जुड़े तीन तलाक के बिल को पारित करवा लिया हैं .

विरोधी दलों के भारी विरोध और सहयोगी जेडीयू के वॉक आउट के बावजूद सरकार को लोकसभा से यह बिल पास करवाने में कोई परेशानी नहीं हुई.

बिल पर वोटिंग के दौरान एनडीए की सहयोगी नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के अलावा YSR और TMC के सांसदों ने भी वॉकआउट कर दिया. हालांकि इसके बावजूद बिल के पक्ष में 303 सांसदों ने वोट किया जबकि इसके विरोध में केवल 82 सांसदों ने वोट किया .

बिल पर चर्चा के दौरान एक बार फिर से सरकार का पक्ष रखते हुए केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा , “ट्रिपल तलाक पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद 24 जुलाई, 2019 तक ट्रिपल तलाक के 345 मामले सामने आ चुके हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि यह इंसाफ और इंसानियत का मामला है, हमें मुस्लिम बहनों की चिंता है. “

आपको बता दें कि इस विधेयक में एक साथ तीन तलाक कह दिए जाने को अपराध करार दिया गया और साथ ही दोषी को जेल की सज़ा सुनाए जाने का भी प्रावधान है.

विरोधी दल इसे अल्पसंख्यकों के धार्मिक अधिकार से जुड़े मामलों में सरकारी दखल बताते हुए विरोध कर रहें हैं तो वहीं सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए कह रही है कि जब दुनिया के इस्लामिक देशों में भी तीन तलाक पर बैन है तो भारत में इसे क्यों लागू नहीं किया जा सकता .

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राज्यसभा में भी तीन तलाक बिल पास होने की उम्मीद बढ़ी

राज्यसभा में फिलहाल सरकार के पास बहुमत नहीं है लेकिन अब बीजू जनता दल के समर्थन के बाद सरकार को उम्मीद है कि इस बार राज्यसभा से भी यह बिल पास हो जाएगा . आपको बता दें कि लोकसभा में नवीन पटनायक की पार्टी बीजू जनता दल ने इस बिल के पक्ष में वोट किया है।