दिल्ली
देश के विकास की रफ्तार में आई गिरावट के लिए केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने दुनिया भर में जारी आर्थिक मंदी के साथ साथ मनमोहन सरकार के कार्यकाल को जिम्मेदार ठहाराया है । जेटली ने कहा है कि देश की जीडीपी ग्रोथ पर वैश्विक आर्थिक परिस्थितियों का असर पड़ा है और वैश्विक परिदृश्य के मद्देनजर देश की जीडीपी वृद्धि दर बहुत अच्छी है । आपको बता दे कि ताजा आंकड़ो के मुताबिक वित्त वर्ष 2016-17 की चौथी तिमाही जनवरी से मार्च के दौरान जीडीपी ग्रोथ महज 6.1 फीसदी पर अटक गई।
मोदी सरकार के तीन साल के कामकाज का लेखा-जोखा पेश करते हुए जेटली ने कहा, हमें विरासत में खराब अर्थव्यवस्था मिली, जहां भ्रष्टाचार व्याप्त था । तीन साल पहले तक देश की अर्थव्यवस्था पर निवेशकों को भरोसा नहीं था, लेकिन एनडीए सरकार ने तीन सालों में अर्थव्यवस्था की विश्वसनीयता दोबारा बहाल करने में सफलता हासिल की । अब विदेशी निवेशक दोबारा भारत की ओर रुख कर रहे हैं ।
उन्होंने कहा, तीन वर्षों में मोदी सरकार ने सख्त निर्णय लेकर , भ्रष्टाचार रोकने के प्रयास गंभीरतापूर्वक करते हुए देश की छवि को बदलने का प्रयास किया जिसकी वजह से निवेशकों का भरोसा फिर से भारत में लौट रहा है ।
जेटली ने नोटबंदी के फायदे गिनाते हुए कहा कि इसकी वजह से लोग कैश ट्रांजैक्शन से परहेज करने लगे हैं और डिजिटाइजेशन में इजाफा हुआ है । दूसरा, टैक्स देने वालों की तादाद लगातार बढ़ रही है और तीसरा, काले धन की सामानांतर अर्थव्यवस्था खत्म हुई है ।
GST पर बोलते हुए जेटली ने कहा कि GST से टैक्स कम होंगे और खपत बढ़ेगी। उन्होने GST से अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने की किसी तरह की आशंका को खारिज करते हुए इसे निराधार तक कह डाला।