शानो-शौकत और करोड़ो के दिखावे की शादी के दौर में मोदी के मंत्री ने पेश की नई मिसाल

 

शादी वो भी केन्द्र सरकार के मंत्री के घर में…वो भी मंत्री के सगे पोते की । पोता जिसके पिता भी सत्ताधारी दल के विधायक हो। इसका जिक्र सामने आते ही शानो-शौकत वाली उन शादियों की तस्वीरें आंखों के सामने आने लगती है जिसमें कई सौ करोड़ रुपये खर्च होते हैं। महंगी साज-सज्जा होती है । ऐसी शादियां महीनों नहीं सालों तक चर्चा का विषय बनी रहती है । लेकिन हम जिस केन्द्रीय मंत्री के पोते की शादी की बात कर रहें है वह वाकई जरा अलग हटकर है और यह शादी भी सालों तक चर्चा का विषय बनी रहेगी लेकिन भव्यता या खर्च की वजह से नहीं बल्कि सादगी की वजह से ।

हम बात कर रहें है मोदी सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावरचंद गेहलोत के पोते की शादी की । आपको बता दे कि थावरचंद गेहलोत केवल एक केन्द्रीय मंत्री भर नहीं है बल्कि वो बीजेपी की सबसे ताकतवर संस्था बीजेपी संसदीय बोर्ड के सदस्य भी है । गेहलोत ने अपने सबसे छोटे बेटे जितेंद्र गेहलोत जो कि आलोट से विधायक भी है के बेटे देवेंद्र का विवाह 29 अप्रैल को ताल में आयोजित मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में करने का फैसला लिया है। 29 अप्रैल को ताल के सामूहिक सम्मेलन में देवेंद्र और दिव्या अन्य पंजीकृत जोड़ों के साथ सात फेरे लेंगे। सामूहिक विवाह सम्मेलन में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान वर-वधुओं को आशीर्वाद देंगे।

ताल में आयोजित सामूहिक विवाह समारोह दो दिन 28 व 29 अप्रैल को होगा । 28 अप्रैल को महिला संगीत और 29 अप्रैल को सात फेरों के साथ अन्य रस्में पूरी होंगी। सामूहिक विवाह सम्मेलन में शामिल होने के पहले माता पूजन, मंडप सहित अन्य रस्म केंद्रीय मंत्री के गृहनगर नागदा स्थित निवास पर होंगी। सामूहिक विवाह सम्मेलन में समानता नजर आए इसके लिए बाकायदा वर-वधुओं के खाने से लेकर अन्य व्यवस्था एक जैसी ही होगी।

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समाज के लिए मिसाल पेश करने जा रहे थावरचंद गेहलोत के मुताबिक आर्थिक रूप से सक्षम नहीं होने के बाद भी लोग कर्ज लेकर शादियों में खर्च करते हैं। ऐसे में सिर्फ भाषणों से बात नहीं बनेगी। जो नीति और नीतियों की बात करते हैं, उन्हें भी कुछ उदाहरण तो देना ही चाहिए और इसलिए इस शादी को लेकर मैं अपने बेटे जितेंद्र गेहलोत की सोच के साथ हूं ।