सेना में बड़े स्ट्रक्चरल बदलाव का फैसला- बढ़ेगी भारतीय सेना की मारक क्षमता

दिल्ली

सेना की युद्धक और मारक क्षमता बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने 57 हजार सैन्य अधिकारियों, जेसीओ एवं अन्य कर्मियों को गैर जरूरी तैनाती से हटा कर सीमावर्ती , तनाव वाले क्षेत्र या फिर ऐसी जगह तैनात करने का फैसला किया है जहां उनकी सैन्य क्षमता का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल किया जा सके । सेना ने इसे स्ट्रक्चरल बदलाव की संज्ञा दी है ।

 

सेना में इस स्ट्रक्चरल बदलाव के पहले चरण में 57 हजार अधिकारी,  जेसीओ,  सैनिक,  सिविलियंस के पदों के कार्यभार और तैनाती में बदलाव किया जायेगा। इसके बाद सिग्नल कोर में सुधार किया जाएगा। साथ ही सैन्य फार्मों, आर्मी पोस्टल प्रतिष्ठान और बेस वर्कशॉप को बंद करने जैसे कदम भी उठाए जाएंगे। सुरक्षा पर कैबिनेट कमेटी ने 39 सैन्य फार्मों को बंद करने का फैसला कर लिया है। इन्हें समयबद्ध कार्यक्रम के तहत बंद किया जा रहा है।

सप्लाई एवं परिवहन सुविधाओं में सुधार संबंधी सिफारिशों को भी लागू किया जाएगा। क्लर्क स्टाफ और ड्राइवरों की नियुक्ति के मानक कड़े किए जाएंगे। इसके अलावा राष्ट्रीय कैडेट कोर यानि एनसीसी की क्षमता बढ़ाने के उपाय भी किए जाने का फैसला लिया गया है। इसके अलावा ऑर्डिनेंस, सिग्नल्स और इंजीनियरिंग विभागों को पुनः व्यवस्थित करने का फैसला भी मंत्रालय ने किया है । सिग्नल रेजिमेंट को टेक्निकल इंटेलिजेंस जैसे टास्क की हैंडलिंग दी जाएगी , जबकि आर्डिनेंस यूनिट गाड़ियों के रिपेयर और मेंटेनेंस यूनिट पर काम करेगी ।

बुधवार को कैबिनेट की बैठक के बाद दिल्ली के शास्त्री भवन में मीडिया को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने बताया कि सेना में आंतरिक सुधारों की जरुरत लंबे समय से महसूस की जा रही थी ।

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आपको बता दे कि लेफ्टिनेंट जनरल डी बी शेकटकर के नेतृत्व में गठित कमिटी ने सेना में ‘स्ट्रक्चरल’ बदलाव कर राजस्व खर्च कम करने का और सेना की युद्धक क्षमता बढ़ाने के लिए दिसंबर 2016 में कई सुझाव रक्षा मंत्रालय को दिये थे। रक्षा मंत्रालय ने इनमें से 99 सिफारिशो को लागू करने के तरीको पर विचार के लिए सेना को भेजा था जिसमें से कल 65 सिफारिशों को मंजूरी दे दी गई है । बुधवार को इसके बारे में केंद्रीय मंत्रिमंडल को जानकारी दी गई।

 

आपको बता दे कि इन सभी सुधारों को को 31 दिसंबर 2019 तक लागू करना है । इससे सेना की कार्यक्षमता तो बढ़ेगी ही साथ ही उसे सीमावर्ती क्षेत्रों में और तनाव वाले क्षेत्र में तैनाती के लिए ज्यादा अधिकारी और सैनिक मिल जायेंगे ।