भारत ने संयुक्त राष्ट्र में शांति रक्षा अभियान के बजट का एक हिस्सा शांति स्थापित करने की गतिविधियों पर खर्च करने की जोरदार शब्दों में वकालत की है। भारत ने कहा कि सिर्फ विकास और राजनीतिक हल के जरिये ही शांति स्थायी तौर पर कायम की जा सकती है।
संयुक्त राष्ट्र के शांति रक्षा अभियानों की आलोचना करते हुए भारत के उप स्थायी प्रतिनिधि तन्मय लाल ने मंगलवार को यहां इन अभियानों में बड़े सुधार की अपील की। उन्होंने इन्हें शांति स्थापित करने के उद्देश्यों से जोड़ने और संघर्षो का राजनीतिक समाधान खोजने का सुझाव भी दिया। सुरक्षा परिषद में शांति रक्षा अभियानों और सतत शांति पर चर्चा के दौरान लाल ने कहा कि राजनीतिक स्तर की वार्ता में उचित निवेश की स्पष्ट कमी दिखती है।
यही नहीं शांति रक्षा अभियानों और शांति स्थापित करने की गतिविधियों के बीच धन आवंटन में भारी फर्क भी है। हालांकि इस समस्या की जानकारी होने के बावजूद सिर्फ जुबानी कार्रवाई होती है। संघर्ष प्रभावित देशों में संयुक्त राष्ट्र के शांति रक्षा अभियानों के लिए 2017-18 का बजट 730 करोड़ डॉलर (करीब 46,660 करोड़ रुपये) का है।