लगभग 25 करोड़ लोगों के साथ सीधा संवाद किया बीजेपी ने

शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के साथ पार्टी मुख्यालय में प्रेस कांफ्रेंस करने पहुंचे। हालांकि पीएम मोदी ने पत्रकारों के सवाल का जवाब देने से इंकार करते हुए कहा कि यह पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की प्रेस वार्ता है इसलिीए वह ही जवाब देंगे। शुरुआत में अपनी बात रखते हुए पीएम मोदी ने यह दावा किया कि फिर से पूर्ण बहुमत के साथ उनकी सरकार सत्ता में वापसी करने जा रही है ।

300 से ज्यादा सीटें जीतने का दावा करते हुए अमित शाह ने पार्टी के चुनावी अभियान का पूरा खाका मीडिया के सामने रख दिया। अमित शाह ने कहा कि 2014 के लोकसभा चुनाव में पार्टी को 17 करोड़ के लगभग वोट मिले थे और इस बार पार्टी ने लगभग 25 करोड़ लाभार्थियों के साथ सीधा संवाद स्थापित किया।

विधानसभाओं और लोकसभा में तीन हजार से ज्यादा विस्तारक पूर्णकालिक कार्यकर्ता के रूप में लगभग डेढ़ वर्षों से काम कर रहे थे। 899 संगठनात्मक जिलें , 11427 मंडल , 863661 बूथ तक बीजेपी के कार्यकर्ता लगे हुए थे , संगठन बना दिया गया था। चुनावी प्रचार अभियान के दौरान मोदी है तो मुमकिन है , फिर एक बार मोदी सरकार , मैं भी चौकीदार जैसे 14 प्रमुख अभियान चलाए गए। मेरा बूथ सबसे मजबूत , मेरा परिवार भाजपा परिवार , कमल संदेश बाइक रैली , कमल ज्योति संकल्प जैसे अभियानों में बीजपी ने अपने लाखों-करोड़ो कार्यकर्ताओं और नेताओं को देशभर में आक्रामक अंदाज में उतार दिया था और इसकी योजना काफी पहले ही दिल्ली में बैठ कर तैयार कर ली गई थी , जिसकी तरफ पीएम मोदी ने इशारा भी किया।

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2 करोड़ 38 लाख लोगों से संकल्प पत्र बनाने के लिए सुझाव लिए गए। देशभर में संपर्क हेतू 161 संवाद केन्द्र बनाए गए और यहां से 15682 लोगों ने 24.81 करोड़ लाभार्थियों से संपर्क किया , 9.38 करोड़ एसएमएस भेजे गए। जबकि पिछली बार लोकसभा चुनाव में बीजेपी को देश भर में कुल मिलाकर 17 करोड़ के लगभग ही वोट मिले थे।

प्रधानमंत्री ने स्वयं 142 जनसभा और 4 रोड शो के जरिए 1.5 करोड़ लोगों के साथ सीधा संवाद किया । मंच के नीचे पार्टी के 10 हजार से अधिक वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ताओं से फीडबैक लिया , बातचीत की। एक लाख किलोमीटर से ज्यादा की हवाई यात्रा की। पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने 312 लोकसभा सीट पर जनसभा को संबोधित किया। राजनाथ सिंह , नितिन गडकरी , सुषमा स्वराज के अलावा योगी आदित्यनाथ समेत बीजेपी के तमाम मुख्यमंत्रियों के सहयोग से अमित शाह ने आक्रामक चुनावी प्रचार अभियान चलाया।

2014 में नरेंद्र मोदी ने यह दिखाया था कि सोशल मीडिया के सहारे भी चुनाव लड़ा जा सकता है और जीता जा सकता है। 2019 में मोदी-शाह की जोड़ी ने यह दिखाया कि राष्ट्रीय स्तर पर तमाम संसाधनों , नेताओं और आधुनिक उपलब्ध संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल कर किस तरह से चुनावी अभियान को इतनी ऊंचाई पर पहुंचाया जा सकता है कि बाकि दल दूर कहीं पीछे छूटते नजर आए ।