उपराष्ट्रपति एम. वैंकेया नायडू ने हैदराबाद में मुफखाम जाह कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नॉलोजी में ग्रेजुएशन डे-2019 कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि कृपया याद रखिए कि संस्कृति जीवन जीने का तरीका है और धर्म उपासना पद्धति। राज्यसभा के सभापति नायडू ने साफ शब्दों में कहा कि हमारे देश को दूसरों से कोई सबक सीखने की जरूरत नहीं है क्योंकि यह दुनिया में सबसे अधिक धर्मनिरपेक्ष देश है। हमारे संविधान में धार्मिक स्वतंत्रता का मौलिक अधिकार संविधान के अनुच्छेद 25 से अनुच्छेद 28 के तहत सुनिश्चित किया गया है।
कुछ देशों द्वारा भारत की आलोचना करने का जिक्र करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि कुछ देश अपने यहां हो रही चीजों को बिसार कर हमें प्रवचन देने में लगे हैं। यदि, आप नंबर वन ग्रेड देना चाहें तो दुनिया में सबसे अधिक धर्मनिरपेक्ष देश भारतीय सभ्यता, हमारी मातृभूमि भारत है।
नायडू ने कहा कि भारत दुनिया के चार बड़े धर्मों – हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख की जन्मस्थली है और इसके अलावा इस्लाम, ईसाई और पारसी धर्म मानने वाले लोग भी बड़ी संख्या में भारत में रहते हैं। भारत दुनिया में तीसरी सबसे अधिक मुस्लिम जनसंख्या वाला देश है। भीड़ की हिंसा की घटनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि कुछ ऐसी घटनाएं हुई हों लेकिन यह 135 करोड़ लोगों का देश है। इसलिए ऐसी घटनाओं का प्रसार नहीं होना चाहिए। इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई हो न कि पूरी देश की ऐसी ब्रांडिंग हो कि जैसे सब चीजें गलत दिशा में बढ़ रही हैं।
आपको बता दे कि पिछले सप्ताह अमेरिका के विदेश विभाग ने अपनी वार्षिक 2018 अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्ट में आरोप लगाया था कि भारत में गायों का व्यापार या उनकी हत्या करने की अफवाहों के बीच अल्पसंख्यक समुदायों खासकर मुसलमानों के खिलाफ हिंसक चरमपंथी हिंदू संगठनों द्वारा भीड़ की शक्ल में हमला 2018 में भी जारी रहा।