सी-प्लेन के लिए एमओयू साइन करने वाला पहला राज्य बना उत्तराखंड

बहुत जल्द अब पहाड़ी राज्य उत्तराखंड में जाने वाले पर्यटक और स्थानीय निवासी वहां सी प्लेन में भी उड़ान भर सकेंगे । टिहरी झील से इसकी शुरुआत होने जा रही है । 42 वर्ग किलोमीटर में फैली टिहरी झील से सी-प्लेन की उड़ान के लिए एमओयू पर साइन करने के साथ ही उत्तराखंड के नाम एक नया रिकॉर्ड भी दर्ज हो गया है।

पहाड़ी राज्य उत्तराखंड में सैलानियों को लुभाने के लिए अब सी-प्लेन की उड़ान शुरू होने वाली है। राज्य सरकार प्रदेश की खूबसूरत टिहरी झील से सी-प्लेन की सेवा उपलब्ध कराने जा रही है । इसके लिए प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार ने एमओयू पर हस्ताक्षर कर दिए हैं।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि भारत सरकार की उड़ान योजना के अंतर्गत टिहरी झील से सी-प्लेन की उड़ान शुरू करने के लिए आवश्यक औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं। भारत सरकार के सिविल एविएशन डिपार्टमेंट, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया और उत्तराखंड सरकार के बीच सी-प्लेन सेवा के लिए करार हो गया है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने इसे राज्य के लिए ऐतिहासिक अवसर बताते हुए कहा कि टिहरी झील में सी-प्लेन के संचालन के लिए बड़ी शुरूआत हुई है। इससे टिहरी में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। क्षेत्र में पर्यटन संबंधी गतिविधियों में बढ़ोतरी होगी। जिससे स्थानीय पर्यटन व्यवसायियों को लाभ होगा। पिछले कुछ समय में टिहरी की पहचान प्रमुख टूरिस्ट डेस्टीनेशन के तौर पर बनी है।

इसमें मुख्य रूप से तीन पार्टियां हैं- पहला भारत सरकार का सिविल एवियशन डिपार्टमेंट, जिसके द्वारा टेंडरिंग की जाएगी। दूसरी पार्टी एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया है जिसके द्वारा स्पेसिफिकेशन दिए जाएंगे जैसे किस प्रकार का हेली ड्रॉम होना चाहिए, इसे किस तरह से संचालित किया जाएगा और तीसरी पार्टी उत्तराखंड सरकार का सिविल एविएशन डिपार्टमेंट है। इन तीनों पार्टियों के बीच त्रिस्तरीय करार किया गया है।

प्रदेश में सी-प्लेन सेवा के शुरू होने से पर्यटन को और बढ़ावा मिलेगा । पर्यटन सचिव ने बताया कि भारत सरकार अब इसके लिए टेंडरिंग करने की तैयारी में है।

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उत्तराखंड सी-प्लेन की उड़ान के लिए एमओयू पर साइन करनेवाला देश का पहला राज्य बन गया है । सी-प्लेन एक ऐसा रोमांचक प्लेन होता है, जो पानी की सतह से ही उड़ान भरता है और पानी की सतह पर ही लैंड करता है।

आपको बता दें कि पिछले साल भारत सरकार ने राज्य सरकार को सी-प्लेन चलाने के लिए प्रस्ताव भेजा था । जिसके बाद उत्तराखंड सरकार ने टिहरी झील में सी-प्लेन उतारने के संबंध में पिछले साल दिसंबर महीने में हुई कैबिनेट की बैठक में ही निर्णय ले लिया था।