2017 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में मिली ऐतिहासिक जीत के बाद बीजेपी में मुख्यमंत्री पद के लिए कई दावेदार थे. तत्कालीन गृह मंत्री राजनाथ सिंह , उस समय के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य , मनोज सिन्हा , स्वतंत्र देस सिंह समेत कई नामों को लेकर चर्चाएं हो रही थी. लेकिन नरेंद्र मोदी और अमित शाह की जोड़ी ने सबको दरकिनार करते हुए योगी आदित्यनाथ को प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया . उसी दिन से लोगों के मन में यह सवाल बार-बार उठता रहा कि आखिर योगी ही क्यों ?
उस समय गोरखधाम मंदिर के मुख्य पुजारी रहे योगी का इस पद के लिए चुना जाना कई लोगों के लिए हैरान करने वाला था. योगी की छवि राज्य में हिंदुत्व के पोस्टर ब्वॉय के रूप में बन चुकी थी. लेकिन उनको प्रशासन का कोई भी अनुभव नहीं था.
इसका खुलासा अब जाकर किया है भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और गृह मंत्री अमित शाह ने . शाह ने यह खुलासा प्रदेश की राजधानी लखनऊ में जाकर किया है . शाह ने कहा कि- जब हम योगी जी को सीएम बना रहे थे बहुत सारे लोग बोले कि योगी जी ने कभी म्यूनिसिपलिटी तक नहीं चलायी . वो तो मठाधीश है और आप उन्हे मुख्यमंत्री बना रहे हैं , मगर हमने कहा कि व्यक्ति में निष्ठा और मेहनत करने की चाहत हो तो बाकी सारी चीजें गौण हो जाती है . इसलिए पीएम मोदी और मैंने उन्हें सीएम बनाने का फैसला किया. क्योंकि वह कर्मठ हैं और उन्होंने अपने कम अनुभव को कठोर परिश्रम से कभी बाधा नहीं बनने दिया.
लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम में योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में शाह ने कहा कि योगी जी ने प्रधानमंत्री और मेरे फैसले को सही साबित करके दिखा दिया .