By आनंद प्रकाश पांडेय , वरिष्ठ पत्रकार (anandprakashpandey@gmail.com)
बिहार में प्रमुख विपक्षी दल राजद के कई विधायक बीमार चल रहे लालू प्रसाद यादव की जगह उनके छोटे बेटे और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने की मांग कर रहे हैं . हालांकि ये और बात है कि लालू यादव के जेल जाने के समय से ही अप्रत्यक्ष रूप में तेजस्वी ही पार्टी को संभाल रहे हैं लेकिन फिर भी अंतिम या बड़ा फैसला करने का अधिकार उनके पास नहीं है.
बीते दिनों जिस तरह से बार-बार लालू यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव ने परिवार और पार्टी के लिए राजनीतिक संकट खड़ा किया , उससे निपटने में भी तेजस्वी यादव को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा . लालू यादव की पत्नी और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने जरूर बीच का रास्ता निकालने की कोशिश की लेकिन मां तो मां होती है .
आपको बता दे कि अपनी स्थापना के बाद से राजद इस समय सबसे बूरे दौर से गुजर रहा है . 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी का खाता तक नहीं खुल पाया था । उस समय दोनो भाईयों के मनमुटाव के किस्सें काफी चर्चा में रहे . कहा तो यहां तक गया कि परिवार के मतभेद का असर पार्टी के चुनाव प्रचार पर भी पड़ा और कई उम्मीदवारों को हार का सामना करना पड़ा .
ऐसे में पार्टी विधायकों का बड़ा खेमा अब तेजस्वी के हाथ पूरी तरह से पार्टी की कमान सौपें जाने के लिए अभियान चलाने की बात भी कर रहा है .
हालांकि बड़ा सवाल तो यही है कि क्या खुद लालू यादव इस समय ऐसा होने देंगे . राबड़ी देवी क्या यह चाहेंगी और अगर इन दोनों की इच्छा न हुई तो भी किया तेजस्वी खुद को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने के अभियान का समर्थन करेंगे जबकि वो यह भी जानते है कि अगले वारिस वही है.