बचपन के तीन दोस्तों के हाथ में है अब देश की सुरक्षा की कमान

कहानी थोड़ी सी फिल्मी लग रही होगी लेकिन यह सच है कि अब देश की सुरक्षा की कमान बचपन के तीन दोस्तों के हाथ में है. 28 साल बाद बचपन के तीन दोस्तों के हाथ में है देश की सुरक्षा की कमान.

जनरल बिपिन रावत सेनाध्यक्ष के पद से रिटायर होकर देश के पहले सीडीएस बन चुके हैं . उनकी जगह पर जनरल मनोज मुकुंद नरवाणे को थलसेना की कमान सौंपी गई है. इसी के साथ देश में एक बार फिर से नया इतिहास कायम हो गया है. अब देश की सुरक्षा की कमान बचपन के 3 दोस्तों के हाथ में चली गई है.

नौसेनाध्यक्ष एडमिरल करमबीर सिंह , वायुसेनाध्यक्ष एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया और अब थलसेना की कमान संभालने वाले जनरल मनोज मुकुंद नरवाणे ने एक साथ ही 17 साल की उम्र में नेशनल डिफेंस एकेडमी यानि एनडीए ज्वाइन किया था. ऐसे में अब देश की तीनों सेनाओं के प्रमुख एनडीए के बैचमेट ही बन गए हैं.

देश की तीनों सेना के प्रमुख बैचमेट है.देश-दुनिया के इतिहास में यह कभी-कभार ही होता है कि एक साथ सेना की शिक्षा-दीक्षा ग्रहण करने वाले साथी एक साथ तीन सेनाओं का नेतृत्व करते हो.

हालांकि भारत में 29 वर्ष पूर्व 1991 में भी ऐसा हो चुका है . उस साल तत्कालीन आर्मी चीफ सुनीत फ्रांसिस रोडरिग्ज, एडमिरल लक्ष्मी नारायण रामदास और एयर चीफ मार्शल निर्मल चंद्र सूरी ने भी एनडीए का कोर्स एक साथ किया था.

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