चुनाव आते ही दिल्ली की राजनीतिक हवा में पिछले कुछ सालों से बार-बार एक खबर तेजी से फैलने लगती है. वह खबर होती है कवि से आंदोलनकारी बने, आंदोलनकारी से नेता बने और फिर नेता से कवि बन जाने वाले कुमार विश्वास के बारे में. कुमार विश्वास , जिन्हे उनके करीबी कुमार भाई या डॉ साहब के नाम से पुकारते है, एक बार फिर से चर्चा में है. क्यों ? अरे ,दिल्ली में चुनाव आ गया है भई.
दिल्ली में विधानसभा चुनाव का बिगुल बजने के बाद से ही कुमार विश्वास के भाजपा में शामिल होने की खबरें तेजी से फैल रही है. कोई उन्हे भाजपा की तरफ से अरविंद केजरीवाल के खिलाफ नई दिल्ली विधानसभा सीट से चुनाव लड़वा रहा है तो कोई उन्हे सीधे ही दिल्ली में बीजेपी का मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर दे रहा है . वहीं कई लोग तो कुमार विश्वास के कई महीनों का भविष्य ही बता दे रहे हैं. सोशल मीडिया पर तेजी से इस तरह की खबरें तैर रही है कि कुमार विश्वास की बीजेपी के साथ डील भी फाइनल हो गई है कि अगर कुमार विश्वास केजरीवाल के खिलाफ नई दिल्ली विधानसभा सीट से हार जाते हैं तो उन्हे भाजपा राज्यसभा भेजेगी.
पत्रकारों के लिए भी यह अबूझ पहेली ही बना हुआ है . ऐसे में कई पत्रकारों ने सीधे ट्विटर पर ही कुमार विश्वास से सवाल पूछ डाला . सवाल कवि से पूछा गया था तो जवाब भी दिलचस्प ही आना था और आया भी.
न्यूज 24 चैनल के मानक गुप्ता ने दिल्ली बीजेपी प्रभारी और केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के साथ-साथ कुमार विश्वास को भी टैग करके ट्विटर पर ये सवाल पूछ डाला कि क्या कुमार विश्वास आज भाजपा में शामिल होने जा रहे हैं ?
15 मिनट बाद कुमार विश्वास का जवाब भी आया. कुमार ने अपने ट्वीट में लिखा,
“अप्रवासी भारतीयों के एक समारोह के लिए परदेस (दोहा (क़तर) मैं हूँ ! यहीं से जॉइन कर लूँ तुम कहो तो ? इस खबर का रिपीट-अलार्म लगाकर हर हफ़्ते चला लिया करो यार, क्यूँ बार-बार उँगलियों को कष्ट देते हो “
NDTV के पत्रकार अखिलेश शर्मा ने कवि के अंदाज में ही कुमार विश्वास को टैग करते हुए पूछा , क्या कवि महोदय , क्या चल रहा है ? और 4 घंटे बाद कवि महोदय का जवाब भी आया —फौग..
कुमार विश्वास के इन मजेदार जवाबों पर लोगों के कमेंट भी आने लगे और वो भी मजेदार टाइप के. इस बीच कुमार विश्वास ने आम आदमी पार्टी के टिकट और अरविंद केजरीवाल को लेकर कुछ गंभीर टाइप के ट्वीट भी किए.
वैसे , मौसम चुनावाना है इसलिए इस तरह की खबरें तो चलती ही रहेगी . सही कहा न डॉ साहब ?