आरक्षण की मांग को लेकर अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने दिल्ली कूच आंदोलन को फिलहाल 15 दिनों के लिए टाल दिया है। सोमवार को होने वाला दिल्ली कूच हरियाणा सरकार के साथ बातचीत के बाद टाल दिया है। हालांकि जाटों का सांकेतिक धरना जारी रहेगा। जाटों ने नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण की मांग को लेकर दिल्ली में प्रदर्शन की धमकी दी थी।
जाट नेता यशपाल मलिक ने सरकार से बातचीत के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘हमने सरकार को भरोसा दिया है कि सोमवार को दिल्ली कूच कार्यक्रम को स्थगित कर दिया गया है। अब जाट कल दिल्ली नहीं जाएंगे।’ मलिक ने कहा, ’26 मार्च तक सभी से बातकर आपसी सहमति बना ली जाएगी। हमें सरकार पर पूरा भरोसा है लेकिन तब तक सांकेतिक धरने जारी रहेंगे। यशपाल मलिक ने कहा, ‘5 मांगों पर हमारी सहमति बन गई है।’
उधर हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि केंद्र में जाट आरक्षण प्रक्रिया नैशनल कमिशन फॉर बैकवर्ड क्लासेस के चेयरमैन एवं सदस्यों की नियुक्ति के बाद शुरू होगी।’ खट्टर ने कहा कि दिल्ली में आंदोलनकारी नेतृत्व से हुई बातचीत में यह सहमति बनी है। उन्होंने कहा कि 2010 से जाट आंदोलन के दौरान प्रभावित हुए लोगों की समीक्षा की जाएगी एवं मृतक घायल तथा आश्रितों को नौकरी देने पर विचार किया जाएगा, सभी घायलों को घोषित मुआवजा तुरंत दिलवाया जाएगा, सभी आरोपित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होगी। यह सभी घोषणा जल्दी अमल में लाई जाएंगी।बातचीत के दौरान केंद्रीय मंत्री पी पी चौधरी और चौधरी विरेंद्र सिंह भी मौजूद थे।
जाट आंदोलन के टलने के फैसले के बाद दिल्ली सरकार ने भी चैन की सांस ली है। जाटों को दिल्ली में घुसने से रोकने के लिए सुरक्षा के तगड़े इंतजाम किए गए थे। दिल्ली पुलिस ने शहर और सीमा क्षेत्रों में अर्द्धसैनिक बलों की 130 से ज्यादा कंपनियों की तैनाती की मांग की थी। दिल्ली में कुछ जगह पर तो धारा 144 भी लागू कर दी गई थी। जाट आंदोलन के कारण दिल्ली में मेट्रो सेवाओं पर भी असर की आशंका थी। लेकिन आंदोलन स्थगित होने के बाद अब मेट्रो सेवाएं भी सामान्य रहेंगी।