योगी सरकार का बड़ा फैसला-लखनऊ हिंसा के उपद्रवियों के पोस्टर नहीं हटाएगी योगी सरकार

लखनऊ । लखनऊ से योगी सरकार के फैसले को लेकर एक बड़ी ख़बर आ रही है। प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार ने लखनऊ हिंसा के उपद्रवियों के पोस्टर नहीं हटाने का फैसला किया है। सूत्रों के मुुताबिक प्रदेश सरकार लखनऊ हिंसा के उपद्रवियों के तस्वीरों वाले पोस्टर्स को लखनऊ की सड़कों से नहीं उतारेगी।

आपको बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों की तस्वीरों वाले पोस्टर्स को न केवल प्रदेश भर में सड़कों पर लगाया जा रहा है बल्कि साथ ही उनसे हिंसा में हुए नुकसान की भरपाई के लिए जुर्माना भी वसूला जा रहा है।

प्रदेश में आंदोलन के दौरान हिंसा का सहारा लेने वाले तत्वों को सख्त संदेश देते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था,

“अगर कोई व्यक्ति कानून को बंधक बनाकर, तोड़-फोड़ या आगजनी करेगा, जनता की संपत्ति को नष्ट करेगा तो सरकार ऐसी किसी भी हरकत को बर्दाश्त नहीं करेगी।
हाल ही में सरकार ने निर्णय लिया है कि जिन्होंने आगजनी की थी उन्हीं से भरपाई की जाएगी”

प्रदेश सरकार की इसी नीति के तहत लखनऊ प्रशासन ने राजधानी लखनऊ की सड़कों पर हिंसा के आरोपी 57 लोगों की तस्वीरों वाले पोस्टर्स लगा दिए थे। इसे योगी सरकार के दंगाइयों के खिलाफ सख्त स्टैंड के रूप में प्रचारित किया जा रहा था, लेकिन हाई कोर्ट ने इसे लेकर राज्य सरकार को जमकर फटकार लगाई है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लगाई यूपी सरकार को फटकार

सोमवार को प्रदेश की योगी सरकार को झटका देते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट ने हिंसा के आरोपियों से वसूली वाले पोस्टर को हटाने का आदेश दिया। चीफ जस्टिस गोविंद माथुर एवं जस्टिस रमेश सिन्हा की बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा कि कोई भी ऐसा कदम नहीं उठाया जाना चाहिए जिससे किसी के दिल को ठेस पहुंचे। कोर्ट ने 16 मार्च से पहले अनुपालन रिपोर्ट के साथ हलफनामा भी दायर करने को कहा है।

इसे भी पढ़ें :  बजट-2020 पर क्या बोले पीएम नरेंद्र मोदी ?

इलाहाबाद हाई कोर्ट का आदेश-योगी सरकार करेगी अपील

प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने इलाहबाद हाई कोर्ट के आदेश के विपरीत हिंसा के आरोपियों के पोस्टर नहीं हटाने का फैसला किया है। CM योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद हुई उच्चस्तरीय बैठक में यह फैसला किया गया। लखनऊ के लोक भवन में हुई इस उच्चस्तरीय बैठक में उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव गृह, पुलिस कमिश्नर लखनऊ, जिलाधिकारी लखनऊ के अलावा कई बड़े अधिकारी भी शामिल हुए थे।

अधिकारियों की लोक भवन में हुई इस बैठक में फैसला लिया गया कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सरकार सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी। बताया जा रहा है कि प्रदेश सरकार होली के बाद इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करेगी।