लॉकडाउन के दौरान प्राइवेट स्कूलों ने मांगी फीस तो होगी 2 साल की जेल

नोएडा, उत्तर प्रदेश। कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए देश में 21 दिनों के लिए संपूर्ण लॉकडाउन लगाया गया है। आवश्यक सेवाओं को छोड़ कर सब कुछ बंद है लेकिन इसके बावजूद देश के कई जिलों से इस तरह की खबरें आ रही थी कि निजी स्कूल अभिवावकों पर फीस जमा कराने का दवाब डाल रहे हैं। इसे देखते हुए गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन ने महत्वपूर्ण फैसला किया है।

कोरोना वायरस संक्रमण के खतरें की वजह से बंद चल रहे निजी स्कूलों के संचालक अब बच्चों के अभिवावकों पर दाखिले की फीस जमा करने का दबाव नहीं बना पाएंगे। इस संबंध में शनिवार को गौतमबुद्ध नगर के जिला प्रशासन ने जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखकर यह सुनिश्चित करने को कहा है।

इस आदेश का पालन न करने वाले स्कूलों के संचालक को एक वर्ष की जेल हो सकती है। इस तरह के कई मामलों में 2 वर्ष तक कि जेल भी हो सकती है।

गौतमबुद्ध नगर जिलाधिकारी सुहास एल वाई का आदेश

गौतमबुद्ध नगर के नवनियुक्त DM सुहास एल वाई ने नोटिस जारी कर कहा है कि कोरोना वायरस की वजह से स्कूल बंद है लेकिन जिन स्कूलों में भी ऑनलाइन कक्षाएं चल रही हैं, वहां फीस के लिए कोई दबाव नहीं बनाया जाएगा और न ही इसकी वजह से किसी भी छात्र-छात्रा को ऑनलाइन कक्षाओं से वंचित रखा जाएगा।

लॉकडाउन के दौरान मांगी फीस तो होगी 2 साल की जेल

कोविड-19 को महामारी घोषित कर , इसे आपदा की श्रेणी में रखा गया है। ऐसे में अगर कोई भी स्कूल 14 अप्रैल तक यानि लॉकडाउन के दौरान अभिवावकों से फीस मांगता है तो उसके खिलाफ राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 51 के तहत कार्रवाई की जाएगी। इसमें एक साल की सजा या जुर्माना या दोनों हो सकता है और अगर इसकी वजह से कोई लोक क्षति होती है तो यह सजा बढ़कर 2 वर्ष की भी हो सकती है।

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