लखनऊ नगर निगम का शेयर बाजार से बना नया रिश्ता- सीएम योगी ने घंटी बजाकर की शुरुआत

लखनऊ नगर निगम को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने एक नई पहल की है। अब लखनऊ नगर निगम बॉन्ड जारी करने वाला उत्तर भारत का पहला नगर निगम बन गया है और सबसे खास बात यह है कि इस नगर निगम का रिश्ता अब शेयर बाजार के साथ भी बन गया है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री सीएम योगी आदित्यनाथ आजकल मुंबई के दौरे पर है। बुधवार को योगी बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में पहुंचे। मौका था लखनऊ नगर निगम के बांड का लिस्टिंग का। बीएसई में लखनऊ म्युनिसिपल बॉन्ड की लिस्टिंग सेरेमनी में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घंटी बजाकर नगर निकाय के आत्मनिर्भर बनने के एक नए दौर की शुरुआत कर डाली।

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उत्तर भारत में किसी नगरीय निकाय की तरफ से म्युनिसिपल बॉन्ड जारी करने वाला उत्तर प्रदेश पहला राज्य है। लखनऊ के बाद अब योगी सरकार गाजियाबाद, प्रयागराज, वाराणसी, कानपुर के अलावा अन्य कई नगर निगमों के भी बॉन्ड लाने की तैयारी में है।

लखनऊ नगर निगम बॉन्ड जारी करते हुए यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 1997 में नगर निकायों को म्युनिसिपल बॉन्ड जारी करने की प्रक्रिया प्रारंभ हुई थी, लेकिन उत्तर भारत में लखनऊ नगर निगम पहला नगर निकाय है जिसके लिए म्युनिसिपल बॉन्ड जारी किए गए हैं।

उत्तर प्रदेश के विकास के एजेंडे को लेकर मुंबई दौरे पर है योगी

सीएम योगी आदित्यनाथ के मुंबई दौरे का उद्देश्य में प्रदेश में विकास की रफ्तार को गति देना है। इसके लिए उन्होने मंगलवार को फिल्म अभिनेता अक्षय कुमार से मुलाकात कर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बनने वाले फिल्म सिटी के निर्माण के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। औद्योगिक विकास की रफ्तार को गति देने के लिए योगी ने प्रसिद्ध उद्योगपति प्रणव अडानी से भी मुलाकात की। सीएम योगी डिफेंस कॉरिडोर के निवेशकों, फिल्मसिटी के निवेशकों और देश के कुछ और बड़े उद्योगपतियों के साथ भी बैठक कर उन्हे उत्तर प्रदेश में निवेश के लिए आमंत्रित करेंगे। प्रसिद्ध गायक कैलाश खेर ने भी सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की।

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म्युनिसिपल बॉन्ड होता क्या है ?

म्युनिसिपल या नगर निगम बॉन्ड पैसा जुटाने का एक माध्यम होता है जो शहरी क्षेत्र के स्थानीय निकायों द्वारा जारी किए जाते हैं। जब नगर निगम को अपने प्रोजेक्ट को पूरा करने, सड़क या स्कूल बनाने या अन्य विकास के सरकारी कामों के लिए पैसे की जरूरत होती है तो ऐसी स्थिति में वह बॉन्ड जारी कर सकता है। लखनऊ नगर निगम ने भी इसी तरह का बॉन्ड जारी किया है।