किसान आंदोलन -राहुल गांधी, शरद पवार, सीताराम येचुरी, डी राजा सहित 5 विरोधी नेता बुधवार को करेंगे राष्ट्रपति कोविंद से मुलाकात

केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए 3 कृषि कानूनों के खिलाफ 8 दिसंबर मंगलवार को बुलाए गए भारत बंद के बाद अब 9 दिसंबर बुधवार को देश के विरोधी दल राष्ट्रपति के दरबार में गुहार लगाने जाएंगे।

कृषि कानूनों को लेकर देश में चल रहे किसान आंदोलन के मसले पर विरोधी दलों के नेता बुधवार शाम 5 बजे राष्ट्रपति भवन का दरवाजा खटखटाएंगे। केंद्र द्वारा लागू किए गए कानून के खिलाफ भारत बंद का समर्थन करने वाले सभी विपक्षी दल राष्ट्रपति से मुलाकात करना चाहते थे। हालांकि कोविड प्रोटोकॉल की वजह से सिर्फ 5 विरोधी नेता ही राष्ट्रपति से मुलाकात करेंगे।

कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांघी, एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार , सीपीएम महासचिव  सीताराम येचुरी, सीपीआई महासचिव डी राजा और डीएमके नेता टीआर बालू बुधवार को शाम 5 बजे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात कर किसानों के समर्थन में इस बिल को रद्द करने की मांग करेंगे।

 

सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी ने बताया कि , ‘‘हम पांचों लोग राष्ट्रपति से भेंट करने से पहले बैठक करेंगे और अपनी रणनीति तय करेंगे। हमने सभी विपक्षी नेताओं से बात की है और अगले कदम को लेकर फैसला किया है। कोविड-19 की स्थिति के कारण हमारे प्रतिनिधिमंडल में केवल 5 सदस्य ही होंगे, हालांकि हम कोशिश करेंगे कि कुछ और नेताओं को इसमें शामिल होने दिया जाए। ऐसी स्थिति में हमें नेताओं को दिल्ली बुलाना होगा क्योंकि वे अपने संबंधित राज्यों में हैं।’’

हालांकि राष्ट्रपति के साथ मुलाकात से पहले विरोधी दलों की बैठक होने की संभावना कम ही है क्योंकि अधिकांश नेता दिल्ली से बाहर अपने-अपने गृह राज्य में ही है।

आपको बता दें कि कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार के तौर पर सरकार ने सितंबर में तीन कृषि कानूनों को संसद पारित करवा कर लागू किया था। सरकार का यह दावा है कि इन कानूनों के बाद बिचौलिए की भूमिका खत्म हो जाएगी और देश के सभी किसानों को देशभर में कहीं पर भी अपने उत्पाद को बेचने की अनुमति होग। जाहिर तौर पर इसका फायदा देश के किसानों को होगा। लेकिन देश के कई किसान संगठन खासकर पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश से जुड़े किसान नेता लगातार इस कानून का विरोध कर रहे हैं और ये पिछले 14 दिन से दिल्ली की सीमा पर डटे हुए हैं।

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